कटहल के नवजात फल गिरने की समस्या से कैसे निपटें? जानिए आसान उपाय

जल प्रबंधन, पोषण, कीट नियंत्रण और उचित छंटाई जैसे उपायों को अपनाकर आप कटहल के नवजात फल के गिरने को रोक सकते हैं और अपनी फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

Kisan India
Noida | Published: 28 Mar, 2025 | 02:31 PM

कटहल को हमारे देश में बहुत पसंद किया जाता है, लेकिन कभी-कभी किसानों को कटहल के छोटे-छोटे फल गिरने की समस्या का सामना करना पड़ता है. यह समस्या न केवल फसल को प्रभावित करती है, बल्कि किसान के लिए भी चिंता का कारण बन सकती है. लेकिन अब घबराने की बात नहीं है. इस समस्या से निपटने के लिए कुछ आसान और वैज्ञानिक उपाय हैं, जिनसे आप कटहल के नवजात फल गिरने की समस्या को रोक सकते हैं.

कटहल के नवजात फल गिरने के कारण-

मौसम में बदलाव
ज्यादा बारिश या गर्मी से कटहल के पेड़ पर तनाव बढ़ सकता है और पेड़ की ऊर्जा प्रभावित हो सकती है, जबकि गर्मी में पानी की कमी से भी फल गिरने लगते हैं.

पोषण की कमी
अगर कटहल के पेड़ को सही पोषक तत्व नहीं मिलते, तो उसके फल कमजोर हो सकते हैं और गिर सकते हैं. नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्वों की कमी फल के गिरने का कारण बन सकती है.

कीट और रोग
कीटों और रोगों का हमला भी नवजात फलों को प्रभावित कर सकता है, जिससे वे गिरने लगते हैं.

अधिक फल लगना
कभी-कभी पेड़ पर बहुत अधिक फल लग जाते हैं और पेड़ सभी को सही से पाल नहीं पाता, जिससे कुछ फल गिर जाते हैं.

कटहल के नवजात फल गिरने से बचने के उपाय-

जल प्रबंधन का ध्यान रखें
कटहल के पौधे को पानी देने में संतुलन बनाए रखें. न तो ज्यादा पानी दें और न ही कम. ज्यादा पानी से जड़ों में सड़न हो सकती है, और कम पानी से पेड़ सूखने लगेगा. बारिश के समय में खेतों में पानी का निकास भी सुनिश्चित करें.

मल्चिंग का इस्तेमाल करें
मल्चिंग से मिट्टी में नमी बनी रहती है और जल संतुलन बनाए रखना आसान हो जाता है. यह पेड़ को सूखा होने से बचाता है और उसकी वृद्धि में मदद करता है.

सही पोषण दें
कटहल के पेड़ को सही पोषक तत्व देना बहुत जरूरी है. इसके लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करें, जैसे गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट. इसके अलावा, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का सही संतुलन बनाए रखें.

कीट और रोगों से बचाव करें
पेड़ की नियमित जांच करें और कीटों या रोगों के लक्षण नजर आने पर तुरंत उपचार करें. प्राकृतिक कीटनाशकों जैसे नीम का तेल या पपीते के पत्तों का काढ़ा का उपयोग करें.

फलों की संख्या नियंत्रित करें
कभी-कभी पेड़ पर बहुत ज्यादा फल लग जाते हैं, जिससे पेड़ उन्हें ठीक से पाल नहीं पाता. ऐसे में कुछ फलों को हटा दें ताकि बाकी फल अच्छे से विकसित हो सकें. इसे “थिनिंग” कहा जाता है.

पानी देने का सही समय
पानी सुबह या शाम के समय दें, जब सूरज तेज न हो. दिन में पानी देने से पेड़ को नुकसान हो सकता है. यह भी सुनिश्चित करें कि पानी के निकासी की कोई समस्या न हो.

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