गेहूं की कटाई में इन बातों का रखें ध्‍यान, बीजों को ऐसे करें सुरक्षित 

गेहूं की कटाई से पहले यह जांचना बहुत जरूरी है कि गेहूं पूरी तरह से पका है या नहीं. इसका अंदाजा लगाने के लिए आप बाली को हाथ में मसलकर देखें कि इसमें 10 से 12 फीसदी से ज्‍यादा नमी तो नहीं है.

Kisan India
Noida | Published: 23 Mar, 2025 | 05:00 PM

रबी की फसल गेहूं की कटाई का समय अब नजदीक है. अक्‍टूबर से दिसंबर के बीच जहां इसकी बुवाई होती है तो मार्च से अप्रैल के बीच इसकी कटाई की जाती है. लेकिन अक्‍सर किसान कटाई के समय कुछ छोटी-छोटी गलतियां कर जाते हैं. आज आपको बताते हैं कि गेहूं की कटाई के लिए आपको किन-किन बातों का ध्‍यान रखना है. साथ ही आप कैसे इसके बीजों को संरक्षित या सुरक्षित करके रख सकते हैं.

 

कटाई से पहले ध्‍यान रखने वाली बातें 

गेहूं की कटाई से पहले यह जांचना बहुत जरूरी है कि गेहूं पूरी तरह से पका है या नहीं. इसका अंदाजा लगाने के लिए आप बाली को हाथ में मसलकर देखें कि इसमें 10 से 12 फीसदी से ज्‍यादा नमी तो नहीं है. कुछ पौधे कटाई के समय पर भी हरे रह जाते हैं. ऐसे में इन पौधों को अलग कर देना चाहिए. 

गेहूं की कटाई का यूं तो कोई भी तय समय तय समय नहीं है. साथ ही इसकी कटाई इस बात पर भी निर्भर करती है कि इसकी बुआई कब और कौन से बीज से की गई है. 

दाने की नमी जांचना जरूरी है जिससे दाने के सिकुड़ने की स्थिति नहीं रहे. सामान्‍यतौर पर 15 मार्च से 15 अप्रैल के बीच कटाई हो जानी चाहिए. गेहूं की कटाई के बाद और थ्रेसिंग से पहले गेहूं की पूलियां बनाकर खेत में सूखने के लिए रख दें. पूली बांधने के लिए इन्हीं पौधों को एक दिन भिगोकर रखें और अगले दिन पूलिया बांध लें. इसके बाद थ्रेसिंग करें.

 

सावधानी से करें स्‍टोरेज 

उपजाए गेहूं में कुछ मात्रा अगले साल बीजाई के काम लेने के लिए अलग निकालकर सुरक्षित रख लेने चाहिए. इससे बाजार के हल्के स्तर के बीजों के बजाय खुद के विश्वसनीय बीजों को काम में ले सकेंगे. विशेषज्ञों के अनुसार बुआई के समय ध्यान रखें कि अच्छी किस्म और सामान्य किस्म की अलग-अलग बुआई करनी चाहिए. कटाई के बाद इनकी पूलियां भी अलग रखे. अगर किसी कारण से मिक्सिंग हो गई है तो थ्रेसिंग के समय पहले 40-50 किलो गेहूं अलग कर देना चाहिए. इसके बाद निकलने वाले अच्छी किस्म के गेहूं को अपनी जरूरत के अनुसार कट्‌टों में भर लें.

 

और कुछ खास बातें 

-कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बीजों को अगले साल तक सुरक्षित रखने के लिए कट्‌टों की सिलाई ठीक से करें.
-साइलो या स्‍टोर में रखने से पहले वहां पर इंसेक्टीसाइट्स के तौर पर रोगर का छिड़काव जरूर करें.
-सूखने के बाद वहां गेहूं के कट्‌टे रखें और इनके बीच सल्‍फास भी रखें.
-इसके बाद स्‍टोर को सील कर दे जिससे उसमें कीड़ा या जीवाणु न घुस सकें.
-जुलाई में जब मॉनसून की बारिश हो तो उसकेबाद भंडार को संभालें और फिर से सल्‍फास रख दें.
-गेहूं की फसल 30 डिग्री तक तापमान में ही सुरक्षित और अच्छी मानी जाती है.
-अगर तापमान 35 डिग्री भी हुआ तो इसे नुकसान हो सकता है. 

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Published: 23 Mar, 2025 | 05:00 PM

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