कृषि में नई उपलब्धि: बागवानी फसलों ने बनाया नया रिकॉर्ड, कुल उत्पादन 369 मिलियन टन पहुंचा

भारत मसालों की धरती माना जाता है और इस साल भी यह परंपरा कायम रही. मसालों का कुल उत्पादन बढ़कर 12.50 मिलियन टन हो गया है, जिसकी वजह लहसुन, अदरक और हल्दी की बेहतर फसल रही. औषधीय और सुगंधित पौधों का उत्पादन भी बढ़कर 7.81 लाख टन पहुंच गया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 26 Nov, 2025 | 07:59 AM

भारत की बागवानी यानी हॉर्टिकल्चर सेक्टर ने इस साल बड़ी उपलब्धि हासिल की है. 2024-25 के तीसरे अग्रिम अनुमान बताते हैं कि देश में कुल बागवानी उत्पादन 4 फीसदी बढ़कर 369.05 मिलियन टन हो गया है. यह बढ़त सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि किसानों की मेहनत, नई तकनीक का इस्तेमाल और सरकार की योजनाओं के सही तरीके से लागू होने का परिणाम है.

उत्पादन में बढ़ोतरी

पिछले साल के मुकाबले इस बार 14.31 मिलियन टन ज्यादा उत्पादन हुआ है. बागवानी फसलों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्रफल में भी बढ़ोतरी हुई है, जो बढ़कर 29.488 मिलियन हेक्टेयर हो गया है. यानी किसान अब ज्यादा जमीन पर फल, सब्जियां और मसालों जैसी फसलें उगा रहे हैं. इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह है फलों और सब्जियों की बेहतर किस्में, सिंचाई प्रबंधन,और किसानों के बीच आधुनिक तकनीक का बढ़ता उपयोग.

फलों का उत्पादन

इस साल भारत में फलों का उत्पादन 118.76 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. करीब 5.12 फीसदी की बढ़ोतरी के पीछे कई प्रमुख फलों की शानदार पैदावार रही. केला, आम, पपीता, अमरूद, तरबूज और संतरा इन फलों ने कुल उत्पादन को ऊपर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फलों की यह बढ़त दिखाती है कि देश में बागवानी धीरे-धीरे खेती का मजबूत विकल्प बनती जा रही है.

सब्जियों का उत्पादन

  • सब्जियों के उत्पादन में भी 4.09 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है. कुल सब्जी उत्पादन 215.68 मिलियन टन पर पहुंच गया है.
  • सबसे ज्यादा चर्चा में रही प्याज की फसल, जिसकी पैदावार 27 फीसदी बढ़कर 30.78 मिलियन टन पहुंच गई है. पिछले साल के मुकाबले यह एक बड़ा उछाल है.
  • आलू उत्पादन भी बढ़कर 58.108 मिलियन टन हो गया है. वहीं टमाटर की पैदावार लगभग 19.46 मिलियन टन के आसपास रही.

मसालों और औषधीय पौधों की खेती में भी इजाफा

भारत मसालों की धरती माना जाता है और इस साल भी यह परंपरा कायम रही. मसालों का कुल उत्पादन बढ़कर 12.50 मिलियन टन हो गया है, जिसकी वजह लहसुन, अदरक और हल्दी की बेहतर फसल रही. औषधीय और सुगंधित पौधों का उत्पादन भी बढ़कर 7.81 लाख टन पहुंच गया है. यह संकेत है कि किसान अब वैकल्पिक खेती में भी रुचि दिखा रहे हैं.

किसानों की मेहनत और सरकारी नीतियों का असर

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन आंकड़ों को जारी करते हुए कहा कि यह सफलता किसानों की मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों की रिसर्च का परिणाम है. साथ ही प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में चलाई जा रही कई योजनाओं और आधुनिक तकनीकों का बड़ा योगदान है—

बेहतर किस्म के बीज,ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीकी सिंचाई,बाजार तक आसान पहुंच और फसलों की वैज्ञानिक सलाह ने बागवानी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार किया है.

भारत बना रहा है कृषि में नया इतिहास

कृषि मंत्रालय का दावा है कि आधुनिक तकनीकों के बढ़ते उपयोग से भारत धीरे-धीरे हॉर्टिकल्चर उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बन सकता है. फलों-सब्जियों की बढ़ती मांग, किसानों की बदलती सोच और सरकार की सक्रिय भूमिका भारत को कृषि के नए युग की ओर ले जा रही हैं.

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Published: 26 Nov, 2025 | 07:50 AM

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