फलों-सब्जियों की बंपर पैदावार.. किसानों की आमदनी बढ़ी, केंद्र ने उत्पादन आंकड़े जारी किए

बागवानी क्षेत्र ने भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है. उत्पादन में भारी बढ़ोतरी के साथ किसानों की आय, रोजगार और पोषण सुरक्षा भी बढ़ी है. सरकारी योजनाओं की इसमें प्रमुख भूमिका रही.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 1 Sep, 2025 | 02:16 PM

बीते मॉनसून में अच्छी बारिश होने के चलते खरीफ फसलों की बुवाई के वक्त खेतों में पर्याप्त नमी मिलने के चलते किसानों ने जमकर फसलों की बुवाई की है. खासकर फलों और सब्जियों को लेकर रकबे में भारी उछाल के चलते बंपर पैदावार दर्ज की गई है. केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि 2013-14 में बागवानी उत्पादन 2807 लाख मीट्रिक टन था, वो अब 2024-25 में बढ़कर 3677.2 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है. इससे किसानों की आमदनी में भी इजाफा दर्ज किया गया है.

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फल और सब्ज़ी उत्पादक देश

देश की कृषि-अर्थव्यवस्था में बागवानी क्षेत्र का योगदान लगातार बढ़ रहा है. इससे एग्रीकल्चर इकनॉमी को नई दिशा मिली है. उत्पादन में भारी बढ़ोतरी से न केवल किसानों की आय में इजाफा हुआ है, बल्कि ग्रामीण रोजगार, पोषण सुरक्षा और कृषि में विविधता को भी मजबूती मिली है. कहा गया है कि इसमें सरकारी योजनाओं की प्रमुख भूमिका रही. इसके साथ ही भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फल और सब्ज़ी उत्पादक देश बन चुका है.

किन फसलों का कितना रहा उत्पादन

केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि मसालों, नारियल और काजू उत्पादन में भी भारत का अग्रणी स्थान है. 2013-14 में जहां कुल बागवानी उत्पादन 2807 लाख मीट्रिक टन था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 3677.2 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया. इसमें 1145.1 लाख मीट्रिक टन टन फलों का उत्पादन दर्ज किया गया है. जबकि, 2196.7 लाख मीट्रिक टन सब्ज़ियों और 335.4 लाख मीट्रिक टन अन्य फसलों का उत्पादन शामिल हैं.

प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता भी बढ़ी

2014-15 से 2023-24 के बीच फलों के उत्पादन में 30 फीसदी और सब्ज़ियों के उत्पादन में 22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. उत्पादकता में भी सुधार हुआ है फलों की उत्पादकता 14.17 से बढ़कर 15.80 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर और सब्ज़ियों की 17.76 से 18.40 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गई है.

उत्पादन ग्रोथ में इन योजनाओं की अहम भूमिका

इस तेज विकास के पीछे केंद्र सरकार की योजनाओं की अहम भूमिका रही है. इसमें एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH), राष्ट्रीय बागवानी मिशन, बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (HCDP) और स्वच्छ पौध कार्यक्रम जैसे प्रयासों अहम भूमिका निभाई है. इन योजनाओं के जरिए किसानों को बेहतर बीज, खेती की तकनीक और उपज बिक्री के लिए बाजार तक पहुंच आसान बनाई है.

बागवानी के लिए देशभर में 55 क्लस्टर बने

बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन के तहत जुलाई 2025 तक देशभर में 58 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 55 बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत चिन्हित किए गए हैं. इन योजनाओं ने देश के बागवानी क्षेत्र को मजबूती देने में निर्णायक भूमिका निभाई है. केंद्र की ओर से राज्यों को इन योजनाओं को लागू कराने और किसानों तक पहुंच आसान बनाने के लिए निर्देशित किया है.

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फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?

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