गेहूं में खरपतवार खत्म करने के लिए रामबाण हैं ये दवाएं! कृषि विभाग ने बताया इस्तेमाल का तरीका
Wheat weed control tips: गेहूं फसल में खरपतवार किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बनते हैं, क्योंकि इनकी वजह से पैदावार 25 फीसदी तक गिरावट दर्ज की जाती है. किसानों को नुकसान से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए दवाएं और देसी तरीके बताए हैं.
गेहूं की फसल बुवाई करने वाले किसान गाजर घास, दूब, मोथा समेत कई तरह के खरपतवारों से परेशान रहते हैं और उनका समय पर नियंत्रण नहीं होने से 25 फीसदी तक पैदावार में गिरावट आ जाती है. खरपतवार नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने किसानों को 3 दिन, 25 दिन के अंदर नियंत्रण के लिए कुछ अचूक दवाएं और उनके इस्तेमाल का तरीका बताया है. इसके साथ ही किसानों को खरपतवार खत्म करने के लिए देसी तरीका भी बताया गया है. आइये जानते हैं खरपतवार से फसल को होने वाले नुकसान और बचाव के उपाय.
खरपतवार घटा देता है 25 फीसदी पैदावार
रबी सीजन में बोई जाने वाली गेहूं की फसल में विभिन्न प्रकार के खरपतवारों के चलते पैदावार 25 फीसदी तक की कमी हो जाती है. खरपतवारों का समय पर प्रबंधन करके उत्पादन क्षति को कम किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि विभाग के सभी राजकीय बीज भंडारों पर गेहूं में प्रयोग होने वाली खरपतवारनाशी 50 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध है.
पेंडिमिथिलीन का इस्तेमाल खत्म करेगा खरपतवार
गेहूं में खरपतवार का जमाव से पूर्व नियंत्रण हेतु पेंडिमिथिलीन 30% ई.सी. की 3.3 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के 3 दिन के अंदर फ्लैट नाजिल से छिड़काव करना चाहिए. छिड़काव करते समय यह ध्यान रखा जाए कि आगे आगे छिड़काव कर पीछे की ओर बढ़ते रहे जिससे कि छिड़के गए खरपतवारनाशी की परत टूटने ना पाए.
- पीएम फसल बीमा योजना में बड़ा घोटाला, जालसाजों ने 5 करोड़ रुपये हड़पे.. 26 पर एक्शन और एक सस्पेंड
- प्रदूषण से 2022 में 17 लाख भारतीयों की मौत, पराली बनी वजह या कोई और है कारण, यहां जानिए
- आठवें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी सैलरी? वेतन दोगुना होगा या भत्ते बढ़ेंगे.. जानिए पूरा गणित
- 60 फीसदी छोटे किसानों तक नहीं पहुंच पा रही वित्तीय मदद, पैसा हासिल करना बन रहा चुनौती
25 दिन के अंदर करें सल्फोसल्फ्यूरान का छिड़काव
गेहूं में खरपतवार नियंत्रण जमाव के 20 से 25 दिन बाद प्रयोग करने हेतु सल्फोसल्फ्यूरान 75% डब्लू.पी. की 33 ग्राम एवं मेटसल्फ्यूरॉन इथाइल की 20 ग्राम को एक में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग कर सकरी एवं चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवारों का नियंत्रण किया जाता है.
मोथा, गाजर घास और दूब का दुश्मन है मैट्रीब्यूजिन
मैट्रीब्यूजिन 70% डब्लू.पी. 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर का बुवाई के 20 से 25 दिन बाद किसानों को इस्तेमाल करना चाहिए. अगर उनके खेत में गाजर घास या मोथा और दूब जैसे सघन खरपतवार हो रहे हैं. यह दवा इन खरपतवारों को नष्ट करने में मददगार है.
गेहूं में खरपतवार खत्म करने का देसी तरीका
गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रित करने के लिए शुरुआती 20–25 दिनों में खेत की नियमित निगरानी सबसे महत्वपूर्ण होती है. बुवाई के तुरंत बाद सिंचाई के 2–3 दिन भीतर पुआल मल्चिंग या हल्की कोड़ाई करने से खरपतवार अंकुरण कम होता है. वहीं, नीम की पत्ती या नीम केक को बुवाई के समय खेत में मिलाने से कई तरह के खरपतवारों का नियंत्रण हो जाता है. इसके अलावा किसान समय पर निराई-गुड़ाई करके भी खरपतवारों से छुटकारा पा सकते हैं.