पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान का सही समय कब होता है, पशुपालकों को इन महीनों में रखना चाहिए ध्यान

भैंसों के गर्भधारण में मौसम की बड़ी भूमिका होती है. समय पर गर्भाधान कराने पर न केवल सफलता दर बढ़ती है, बल्कि भैंस जल्दी दूध भी देने लगती है.

नोएडा | Updated On: 28 Jun, 2025 | 10:56 AM

अगर आप भैंस पालन से कमाई करना चाहते हैं, लेकिन हर बार गर्भाधान फेल हो जाता है तो आपके लिए ये खबर किसी चमत्कार से कम नहीं. दरअसल, भैंसों के गर्भधारण पर मौसम का गहरा असर पड़ता है और यही तय करता है कि आपको कब कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) कराना चाहिए. रिसर्च और आंकड़े कहते हैं कि सितंबर से फरवरी का समय भैंसों के लिए सबसे उपयुक्त प्रजनन काल होता है. इस समय यदि सही ढंग से कृत्रिम गर्भाधान कराया जाए तो सफलता की दर 70 फीसदी से ऊपर जा सकती है.

भैंसो के गाभिन होने का सही समय

पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश के अनुसार मार्च से अगस्त के बीच, जब दिन लंबे और गर्म होते हैं, उस दौरान सिर्फ 26.17 प्रतिशत भैंसें ही प्रजनन अवस्था में आती हैं. वहीं, सितंबर से फरवरी के बीच जब मौसम ठंडा होता है और दिन छोटे होते हैं, तब 73.83 प्रतिशत भैंसें हीट में आती हैं. इसका मतलब है कि इस ठंड के सीजन में भैंसें प्रेग्नेंट होने के लिए ज्यादा तैयार रहती हैं. ऐसे में यह समय कृत्रिम गर्भाधान के लिए सबसे उपयुक्त है.

कब कराना चाहिए गर्भाधान

गर्भाधान का सही समय तभी तय होता है जब आप मद (हीट) की स्थिति को पहचानें. इसे तीन चरणों में बांटा गया है.

वैज्ञानिक तरीके से बढ़ाएं पशुओं की संख्या

ऋतु और व्यवहार को ध्यान में रखते हुए पशुपालकों को चाहिए कि वे वैज्ञानिक तरीके अपनाएं.

क्यों जरूरी है सही समय पर कृत्रिम गर्भाधान

सही समय पर किया गया कृत्रिम गर्भाधान न केवल गर्भाधान की सफलता दर बढ़ाता है, बल्कि इससे भैंस जल्दी दूध देने लगती है, जिससे लागत कम और आमदनी ज्यादा होती है.

Published: 28 Jun, 2025 | 11:35 AM

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