खरीफ फसल की बुवाई में बढ़ोतरी, असमान बारिश के बावजूद सरकार ने दी राहत भरी खबर

सरकार ने सितंबर 2024 में डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को समय पर और सही जानकारी देना है. इसमें खेती से जुड़े डिजिटल संसाधन जैसे एग्रीस्टैक, निर्णय सहायता प्रणाली और मिट्टी की उर्वरता का नक्शा शामिल है.

नई दिल्ली | Published: 9 Aug, 2025 | 11:56 AM

इस बार का मानसून भले ही असमान रूप से बटा हो, लेकिन देश के किसानों ने अपनी मेहनत से खरीफ की बुवाई को सामान्य बनाए रखा है. केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि देश में सभी प्रमुख खरीफ फसलों की बुवाई सामान्य स्तर पर हुई है. कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि मानसून का वितरण अलग-अलग इलाकों में भले ही समान न हो, फिर भी किसानों ने समय पर और पर्याप्त मात्रा में फसल बोई है.

मानसून का असमान वितरण, लेकिन बारिश सामान्य से थोड़ी अधिक

1 जून से 4 अगस्त के बीच देशभर में औसतन 500.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य 481.9 मिलीमीटर से 4 प्रतिशत ज्यादा है. दक्षिण, मध्य और पश्चिमी भारत में बुवाई जल्दी शुरू हुई जबकि पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में थोड़ी देरी हुई. फिर भी कुल मिलाकर 1 अगस्त तक 932.93 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है.

डिजिटल कृषि मिशन से किसानों को मिलेगा सहारा

सरकार ने सितंबर 2024 में डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को समय पर और सही जानकारी देना है. इसमें खेती से जुड़े डिजिटल संसाधन जैसे एग्रीस्टैक, निर्णय सहायता प्रणाली और मिट्टी की उर्वरता का नक्शा शामिल है. अब तक सात करोड़ से ज्यादा किसानों की डिजिटल पहचान बनाई जा चुकी है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने दी सुरक्षा की गारंटी

पीएम फसल बीमा योजना ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 2016 से अब तक 4,972 लाख हेक्टेयर फसलों को इस योजना में कवर किया गया है. किसानों को अब तक 1,83,259 करोड़ रुपये के बीमा दावे मंजूर हुए हैं, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है.

विदेशी तकनीक से बढ़ेगी कृषि उत्पादन क्षमता

सरकार ने इजराइल, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के साथ मिलकर फलों और सब्जियों के उत्पादन के लिए 58 उत्कृष्टता केंद्र बनाए हैं. इन केंद्रों में आधुनिक तकनीक से खेती को बेहतर बनाने और पानी के उपयोग को कम करने पर काम हो रहा है.

आईसीएआर में वैज्ञानिकों की नियुक्ति भी जारी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) में वैज्ञानिक पदों पर भर्ती का कार्य भी निरंतर जारी है. कुल 6,586 पदों में से 1,537 पद पार्श्व प्रविष्टि (लेटरल एंट्री) के माध्यम से भरे जाते हैं, जिससे कृषि अनुसंधान को नई दिशा मिल रही है.