कश्मीर में सेब के गिरते दामों के बीच हीरो बना गाला एप्पल, किसानों को हुआ फायदा

कश्मीर में गाला एप्पल किसानों के लिए भरोसेमंद विकल्प बन चुकी है. बाजार में बढ़ती मांग और बेहतर उत्पादन के कारण यह किस्म आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रही है, जबकि अन्य पारंपरिक किस्में चुनौतियों का सामना कर रही हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 25 Sep, 2025 | 08:20 AM

Kashmir apples: कश्मीर की घाटी में एप्पल का मौसम शुरू होते ही मंडियों में हलचल बढ़ जाती है. इस साल भी आमतौर पर फलों की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है, लेकिन हाई-डेंसिटी गाला एप्पल ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान बनाए रखी है. पारंपरिक किस्मों की गिरती कीमतों और सड़क अवरोधों के बावजूद गाला एप्पल की मांग लगातार बनी हुई है, और यही कारण है कि यह किसानों के लिए सबसे भरोसेमंद और फायदे वाला विकल्प बनकर उभरी है.

पारंपरिक एप्पल की कीमतों में गिरावट

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में जम्मू-स्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग लंबे समय तक बंद रहने के कारण कई ट्रकों में फल खराब हो गए. इससे बाजार में अचानक आपूर्ति बढ़ गई और पारंपरिक एप्पल की कीमतें 30 से 60 रुपये प्रति किलो तक गिर गईं. शोपियां के व्यापारी मोहम्मद अशरफ कहते हैं, “राजमार्ग पर बाधाओं के कारण कई ट्रक समय पर मंडियों तक नहीं पहुंचे, इसलिए कीमतें तेजी से गिर गईं. लेकिन गाला एप्पल की मांग लगातार बनी रहने के कारण इसकी कीमतें स्थिर रहीं.”

गाला एप्पल की स्थिर कीमतें

गाला एप्पल अपनी कुरकुरी बनावट, मीठास और आकर्षक रंग के लिए खास पसंदीदा है. जम्मू-कश्मीर में सालाना लगभग 2 से 2.5 मिलियन टन एप्पल का उत्पादन होता है, जिसमें लगभग 5 प्रतिशत हाई-डेंसिटी किस्में होती हैं, जिनमें ज्यादातर गाला एप्पल शामिल है. इन फलों का एक बड़ा हिस्सा नियंत्रित वातावरण वाले स्टोरेज में रखा जाता है, जिससे उनकी गुणवत्ता बनी रहती है और बाजार में उनकी कीमतें अच्छी बनी रहती हैं.

किसानों की बढ़ती मांग और हाई-डेंसिटी बाग

पिछले कुछ सालों में कश्मीर के किसानों ने पारंपरिक एप्पल से हाई-डेंसिटी किस्मों की ओर रुख किया है. गाला जैसी सेब किस्मों को अपनाने के लिए सरकार ने मोडिफाइड हाई-डेंसिटी प्लांटेशन स्कीम के तहत 2026 तक 5,500 हेक्टेयर तक विस्तार करने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी.

हाई-डेंसिटी बाग से लाभ और स्थिर आमदनी

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हाई-डेंसिटी बाग अधिक उत्पादन देते हैं और ऐसे फल पैदा करते हैं जिनकी बाजार में ज्यादा मांग होती है. इससे किसानों की आमदनी स्थिर रहती है और घाटी का एप्पल सेक्टर देश और विदेश में प्रतिस्पर्धी बनता है. “हाई-डेंसिटी बाग प्रबंधन में आसान हैं और किसानों को अधिक लाभ देते हैं, खासकर उन सालों में जब पारंपरिक किस्मों की कीमतें अस्थिर होती हैं,” विभाग के एक अधिकारी ने बताया.

कश्मीर की एप्पल इंडस्ट्री

कश्मीर में गाला एप्पल किसानों के लिए भरोसेमंद विकल्प बन चुकी है. बाजार में बढ़ती मांग और बेहतर उत्पादन के कारण यह किस्म आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रही है, जबकि अन्य पारंपरिक किस्में चुनौतियों का सामना कर रही हैं. आने वाले वर्षों में हाई-डेंसिटी एप्पल की खेती से किसानों की आमदनी में स्थिरता आएगी और घाटी की एप्पल इंडस्ट्री को मजबूती मिलने की उम्मीद है.

वाइन उत्पादन में सबसे आगे देश कौन सा है?

Poll Results

इटली
0%
जर्मनी
0%
फ्रांस
0%
अमेरिका
0%