Telangana News: तेलंगाना में अब जल्द ही कपास और मिर्च की फसलों पर ड्रोन से स्प्रे और निगरानी का काम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्टार्टअप्स को आमंत्रित किया है. प्रोजेक्ट के तहत 25-25 एकड़ में कपास और मिर्च की फसलों पर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. स्टार्टअप्स को इस प्रोजेक्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी नई तकनीकों के साथ काम करने का मौका मिलेगा. इन तकनीकों से ड्रोन न सिर्फ ज्यादा सटीकता (लगभग 95 फीसदी) के साथ स्प्रे कर पाएंगे, बल्कि फसलों की सेहत पर भी नजर रखी जा सकेगी. खास बात यह है कि ड्रोन एक घंटे में 6 से 10 एकड़ जमीन को कवर करने में सक्षम होंगे. इससे किसानों को कम समय में बेहतर परिणाम और लागत में बचत मिल सकेगी.
वहीं, राज्य सरकार ने साफ किया है कि तेलंगाना में शुरू किया गया यह पायलट प्रोजेक्ट सिर्फ ऑटोमेशन तक सीमित नहीं है. इसका बड़ा मकसद किसानों की खेती को सटीक डेटा पर आधारित बनाकर उनकी लागत घटाना, कीटनाशकों का कम इस्तेमाल करना और मुनाफा बढ़ाना है. अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है और इसे सभी जिलों में भी लागू किया जाएगी, तो इससे खेतों में मैन्युअल मेहनत पर निर्भरता घटेगी, सिंचाई और खाद के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी और मिट्टी की सेहत में सुधार होगा.
ऐप पर मिलेगी सिंचाई और फसल की सेहत की जानकारी
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में, स्टार्टअप्स को मोबाइल ऐप और डैशबोर्ड भी तैयार करने होंगे, ताकि किसान, कृषि अधिकारी और प्रशासनिक कर्मचारी एक ही प्लेटफॉर्म पर डेटा देख सकें. किसान अपने खेत में ड्रोन स्प्रे की तारीख, सिंचाई और फसल की सेहत की जानकारी ऐप पर देख सकेंगे, जबकि अधिकारी प्रोजेक्ट की प्रगति को रियल टाइम में मॉनिटर कर पाएंगे.
खेती में उभरती तकनीकों को मिलेगा बढ़ावा
यह पहल भारत सरकार की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (National e-Governance Plan in Agriculture) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य खेती में उभरती तकनीकों को बढ़ावा देना है. कृषि विभाग और आईटी विभाग ने मिलकर फैसला लिया है कि जो स्टार्टअप्स Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) के साथ रजिस्टर्ड हैं, उन्हें इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा, ताकि ड्रोन स्पॉट स्प्रेइंग जैसी तकनीकों को खेतों तक पहुंचाया जा सके. ऐसे यह पहल कृषि विभाग, प्रो. जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, आईटी विभाग और हैदराबाद की रिसर्च और इनोवेशन सर्कल (RICH) द्वारा मिलकर की जा रही है. इस प्रोजेक्ट का मकसद यह दिखाना है कि तकनीक के इस्तेमाल से खेती के तरीकों को कैसे बेहतर और टिकाऊ बनाया जा सकता है.