बारिश-भूस्खलन के बावजूद सेब कारोबार में इजाफा, 1.57 करोड़ से ज्यादा सेब बॉक्स की हुई सप्लाई.. जानें वजह

हिमाचल में भारी बारिश के बावजूद सेब की सप्लाई बढ़ी है, इस साल अब तक 1.57 करोड़ सेब बॉक्स बाजार में आए हैं, जो पिछले साल से 45 लाख ज्यादा हैं. खराब मौसम की वजह से 'मार्केट इंटरवेंशन स्कीम' के तहत सेब की खरीदी भी बढ़ी है.

नोएडा | Updated On: 14 Sep, 2025 | 10:09 AM

Himachal Pradesh News: हिमचाल प्रदेश में पिछले एक महीने से भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई रास्ते बंद हैंं, इसके बावजूद सेब की सप्लाई में बढ़ोतरी हुई है. अब तक 1.57 करोड़ से ज्यादा सेब के बॉक्स राज्य के अंदर और बाहर बाजार में भेजे जा चुके हैं. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि अगर ज्यादा बारिश की वजह से सेब बेल्ट के कई इलाकों में लिंक रोड बंद या बह न गए होते, तो यह संख्या और भी ज्यादा होती. हालांकि रास्ते बंद हैं, फिर भी पिछले साल के मुकाबले इस बार करीब 45 लाख ज्यादा सेब बॉक्स बाजार में पहुंच चुके हैं. पिछले साल 11 सितंबर तक 1.13 करोड़ सेब बॉक्स मार्केट में आए थे.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पिछले साल के मुकाबले ज्यादा सेब बॉक्स बाजार में आने की बड़ी वजह निचले इलाकों में हुई बंपर पैदावार है. 20 अगस्त तक इस साल 88 लाख से ज्यादा सेब बॉक्स बाजार में पहुंच चुके थे, जबकि पिछले साल इसी समय तक सिर्फ 32.6 लाख बॉक्स ही आए थे. यानि इस बार निचले सेब बेल्ट में उत्पादन करीब तीन गुना ज्यादा रहा. आमतौर पर इन इलाकों में 15 अगस्त तक तुड़ाई का काम पूरा हो जाता है.

43,930 मीट्रिक टन सेब की खरीदी

अब तक “मार्केट इंटरवेंशन स्कीम” (MIS) के तहत 43,930 मीट्रिक टन सेब खरीदे जा चुके हैं. इसके लिए सेब उत्पादक क्षेत्रों में 227 कलेक्शन सेंटर खोले गए हैं. पिछले साल इसी समय तक सिर्फ 15,000 मीट्रिक टन से थोड़ा ज्यादा सेब खरीदा गया था, यानी इस बार खरीदी में काफी बढ़ोतरी हुई है.. इस बार ओलावृष्टि और समय से पहले पत्तों के झड़ने की वजह से बड़ी मात्रा में खराब (कर्ल्ड) सेब निकले हैं, जिससे MIS के तहत खरीदी बढ़ी है. इसी बीच, सेब उगाने वाले किसानों का कहना हैं कि सीजन के बीच कई लिंक रोड बंद होने की वजह से उन्हें बहुत नुकसान हुआ है. कोटकाई के एक किसान ने कहा कि अब भी बागों में बहुत सेब पड़ा है, लेकिन कई रास्ते अभी तक खुले नहीं हैं.

15 आधुनिक सेब की किस्मों का लाइव प्रदर्शन

वहीं, शुक्रवार को सोलन में सूखे और ठंडे इलाकों में ज्यादा घनी खेती के लिए नए सेब की किस्में और आधुनिक खेती के तरीके सिखाने के लिए कालपा में एक “एप्पल डे” आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन किसान विज्ञान केंद्र (KVK), किन्नौर और डॉ. वाईएस परमार विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय बागवानी शोध व प्रशिक्षण केंद्र, शारबो ने साथ मिलकर किया. उच्च घनत्व वाली खेती में उगाई जाने वाली 15 आधुनिक सेब की किस्मों का लाइव प्रदर्शन किया गया. साथ ही, ऊंचे इलाकों में खेती के लिए उपयुक्त 41 सेब की किस्मों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई. इन व्यावहारिक सत्रों से किसानों को आधुनिक खेती के तरीके सीधे देखने का मौका मिला और इसे क्षेत्र में ज्यादा अपनाने की प्रेरणा मिली.

Published: 14 Sep, 2025 | 10:06 AM