किसानों के लिए एटीएम बनी गाय की ये नस्ल, अकेले दूध से हर महीने होगी 25 हजार कमाई

गौपालन किसानों के लिए कमाई का एक फायदेमंद विकल्प बनकर उभरा है. हालांकि, पालन से पहले गाय की सही नस्ल का चुनाव सतर्कता से करना चाहिए. यहां हम गाय की ऐसी नस्ल की बात कर रहे हैं, जिसे किसानों का एटीएम भी कहा जाता है.

धीरज पांडेय
Noida | Published: 7 Apr, 2025 | 09:05 AM

किसानों को बंपर दूध देने के साथ ही अपने जीवनकाल में 15 बच्चे देने वाली गाय किसानों के लिए कमाई का बढ़ा साधन बन गई है. यहां पर हम बात कर रहे गाय की जर्सी नस्ल की. जर्सी गाय हर दिन 12-18 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है और इसके दूध में फैट की मात्रा अधिक होने के चलते डेयरी संचालक अच्छे भाव पर दूध खरीद लेते हैं. ग्रामीण इलाकों में जर्सी गाय को एटीएम भी कहा जाता है.

गांव से लेकर शहर तक, जर्सी गाय बन रही है पशुपालकों की पहली पसंद. देखा जाए तो खेती के साथ अगर किसान की आमदनी का कोई मजबूत सहारा है तो वो है पशुपालन. खासकर दूध उत्पादन से जुड़े कामों में लगातार लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है. ऐसे में जर्सी गाय की नस्ल ने बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की है. जो कम लागत, अच्छा दूध उत्पादन और जल्दी प्रजनन के चलते, यह गाय छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए बड़ी कमाई का जरिया बन रही है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

हर महीने 25 हजार की कमाई

जर्सी गाय को आमतौर पर दूध देने वाली प्रमुख नस्लों में गिना जाता है. इसके दूध में फैट भी अच्छा होता है, जिससे पशुपालक घी, मक्खन या पनीर बनाकर भी ज्यादा पैसा कमा सकते हैं. एक जर्सी गाय रोजाना औसतन 12 से 18 लीटर तक दूध देती है.  इस तरह से अगर दूध 60 रुपए लीटर के हिसाब से बेचा जाए तो महीने में सिर्फ दूध से ही 20-25 हजार रुपये की कमाई संभव है. यानी एक साल में इस गाय के दूध से 2-3 लाख बड़े आराम से कमाई की जा सकती है. ध्यान देने की बात ये होती है कि इस गाय को ठंडा मौसम ज्यादा पसंद है, इसलिए ठंडी जगहों या ऐसी जलवायु में इसका पालन और भी फायदेमंद साबित हो सकता है.

कैसे पहचाने असली जर्सी गाय

इस गाय को पहचाने का सबसे आसान तरीका यह है कि इसका रंग हल्का पीला, लाल या बादमी होता है, जिस पर सफेद चित्तियां पाई जाती हैं. इसके अतिरिक्त जर्सी गाय का सिर छोटा और शरीर लंबा व सीधा होता है. खास बात यह होती है कि इसकी तो सींग बड़ी होती है, न ही कूबड़. वहीं इसकी शरीर की बनावट ही इसे दूसरों से अलग बनाती है.

देसी गाय से ज्यादा उत्पादन, जल्दी प्रजनन

एक सामान्य देसी गाय को पहला बछड़ा देने में 30 से 36 महीने लगते हैं, वहीं जर्सी गाय सिर्फ 18 से 24 महीने में पहला बछड़ा दे देती है. यही नहीं, यह गाय अपने जीवन में 10 से 15 बछड़े भी पैदा कर सकती है. यानी, दूध और प्रजनन दोनों में ये देसी नस्लों से आगे है.

किसानों के लिए फायदे का सौदा

कम खर्च में ज्यादा दूध, जल्दी बछड़ा और आसान देखभाल,  इन्हीं खूबियों ने जर्सी गाय को लखपति किसानों की पहली पसंद बना दिया है. इस तरह से देखा जाए तो गाय का पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का जरिया बन सकता है.

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Published: 7 Apr, 2025 | 09:05 AM

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