पंजाब में पशुपालन के मुकाबले मुर्गी पालन का चलन तेजी से बढ़ा है. इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं, जहां गाय-भैंसों की संख्या में कमी आई है, वहीं मुर्गी पालन में बंपर उछाल आया है. 21वीं पशुधन गणना की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में पोल्ट्री की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों के अनुसार, राज्य में मुर्गियों की कुल संख्या (ज्यादातर ब्रॉयलर और लेयर) 2019 में हुई 20वीं पशुधन गणना के समय 1.76 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 3.57 करोड़ हो गई है. यानि महज 5 साल में ही मुर्गियों की संख्या में 102.84 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तेज बढ़ोतरी से साफ है कि लोग अब पोल्ट्री फार्मिंग को एक फायदे वाले व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं और इसमें दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. अधिकारी ने कहा कि जहां एक ओर गाय और भैंसों की संख्या में कमी आई है, वहीं दूसरी ओर लोग पोल्ट्री फार्मिंग, बकरी पालन और यहां तक कि घोड़े पालने जैसे दूसरे क्षेत्रों में काफी रुचि दिखा रहे हैं.
इन वजहों से बढ़ी मुर्गियों की संख्या
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. गुरदित सिंह ने कहा कि इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं. हाल के वर्षों में कोई बड़ी बर्ड डिजीज नहीं फैली. साथ ही अंडों के अच्छे दाम मिलते रहे हैं और कॉन्ट्रैक्ट ब्रॉयलर व लेयर फार्मिंग का चलन भी बढ़ा है. इन सब वजहों से पोल्ट्री सेक्टर को काफी बढ़ावा मिला है. एक पोल्ट्री फार्म के मालिक ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की वजह से मुर्गियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. जैसे पहले जो किसान 5,000 मुर्गियां पालते थे, अब वे 10,000 तक पाल रहे हैं. इस मॉडल में कंपनियां चूजे, दाना, तकनीकी मदद और मार्केटिंग जैसी सुविधाएं देती हैं, जबकि फार्म मालिक जमीन, मजदूरी और बाकी इंतजाम करते हैं. इसके बदले में उन्हें एक तय राशि या मुनाफे में हिस्सा मिलता है.
भैंसों की घटती संख्या पर सरकार चिंतित
पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह गुरमीत सिंह खुदियान ने भी राज्य में पोल्ट्री की बढ़ती संख्या को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में राज्य में पोल्ट्री की आबादी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. जो यह साफ दिखाता है कि लोग कृषि से जुड़े अन्य व्यवसायों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि, मंत्री गुरमीत सिंह गुरमीत सिंह खुदियान ने गाय और भैंसों की घटती संख्या पर चिंता जताई.
पशुपालन के लिए किसानों को मिलेगा प्रोत्साहन
उन्होंने कहा कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. गिरावट के कारणों की जांच की जाएगी और पशुपालकों को फिर से पारंपरिक गाय-भैंस पालन की ओर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग जल्द ही ऐसे नए प्रयास शुरू करेगा, जिनसे लोगों की गाय और भैंस पालन में रुचि बढ़े. इसके साथ ही पशुपालन से जुड़े कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन भी किया जाएगा, ताकि पूरे सेक्टर का संतुलित विकास हो सके.