वर्टिकल फार्मिंग ऐसी तकनीक है जिसमें खेत की जरूरत नहीं होती. घर की दीवारों या छत पर गमलों के जरिए सब्जियां और फल उगाए जा सकते हैं. इससे छोटे घरों या जमीन न होने वाले किसानों को भी खेती करने का मौका मिलता है.
यह खेती सामान्य खेती की तुलना में काफी किफायती है. कम जगह और कम पानी में भी अच्छी पैदावार मिलती है. खास बात यह है कि इससे घर का वातावरण ठंडा रहता है और ताजी सब्जियों के जरिए अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.
इस पद्धति में छोटे गमलों को दीवारों पर इस तरह लगाया जाता है कि वे सुरक्षित रहें और आसानी से उतारे जा सकें. गमलों को नीचे उतारकर फसल लगाई जाती है और फिर वापस दीवारों पर सेट कर दिया जाता है.
वर्टिकल फार्मिंग में पानी की कमी नहीं होने दी जाती. इसके लिए पीवीसी पाइप या बांस की पतली पाइपों के जरिए हर गमले तक पानी पहुंचाया जाता है. इस तकनीक से पानी की बर्बादी भी कम होती है.
ऐसा माना जाता है कि, सबसे पहले इजरायल ने इस खेती को अपनाया. वहां की 60% जमीन रेगिस्तान है और खेती योग्य जमीन बेहद सीमित है. इस कारण वहां के किसानों ने घरों की दीवारों पर खेती शुरू की और आज यह काफी सफल है.
जमीन की कमी से जूझ रहे शहरों में रहने वाले लोग वर्टिकल फार्मिंग को पसंद कर रहे हैं. इससे वे बिना खेत के ही अपने घरों में ताजी सब्जियां उगाकर रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं.