सीमेन का सही चुनाव पशुपालन बिजनेस को बढ़ाएगा, पशुपालकों की आमदनी भी बढ़ेगी.. पढ़ें डिटेल्स

गुणवत्तापूर्ण सीमेन का सही चयन पशुपालन में सुधार लाता है. दूध उत्पादन, ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए AI तकनीशियन की सलाह लें. यह झुंड के भविष्य को बेहतर बनाने का स्मार्ट तरीका है.

नोएडा | Updated On: 19 Aug, 2025 | 03:07 PM

गाय और भैंस जैसे दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने और उत्पादन बढ़ाने के लिए अब सिर्फ पारंपरिक तरीकों से काम नहीं चलेगा. आधुनिक विज्ञान और तकनीक के साथ आज पशुपालक अपने पशुधन को बेहतर बना सकते हैं- वो भी सिर्फ एक सही निर्णय से. जी हां, बात हो रही है गुणवत्तापूर्ण सीमेन (Semen) के चयन की, जो आपके पशु झुंड की भविष्य की सेहत, दूध उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता तय करता है.

भारत सरकार का पशुपालन एवं डेयरी विभाग अब पशुपालकों को इस दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है.

सीमेन चयन से तय होता है झुंड का भविष्य

हर पशुपालक चाहता है कि उसका झुंड ज्यादा दूध दे, मजबूत हो और बीमारियों से दूर रहे. इसके लिए सही सीमेन का चुनाव बेहद जरूरी है. बैल सीमेन का चुनाव आपके पशु की अगली पीढ़ी की क्षमता को तय करता है. दूध उत्पादन बढ़ाना हो, शरीर की ताकत या फिर बीमारियों से सुरक्षा- हर लक्ष्य के लिए अलग सीमेन होता है.

AI तकनीशियन से लें सही सलाह

अक्सर सीमेन का चुनाव बिना विशेषज्ञ की राय से किया जाता है, जिससे अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते. सरकार की सिफारिश है कि Artificial Insemination (AI) तकनीशियन से परामर्श लेकर ही सीमेन का चयन करें. AI टेकनीशियन आपको बताएंगे कि आपके पशु झुंड की जरूरत के हिसाब से कौन सा सीमेन सबसे उपयुक्त रहेगा. इससे समय, पैसा और मेहनत-तीनों की बचत होगी और परिणाम भी बेहतर मिलेंगे.

दूध, ताकत या रोग प्रतिरोधक क्षमता-क्या है आपका लक्ष्य?

हर पशुपालक के लिए लक्ष्य अलग हो सकता है:-

गुणवत्ता युक्त सीमेन से मिलेगा टिकाऊ विकास

आज जब भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में अग्रणी बनने की दिशा में है, तब जरूरी है कि हर पशुपालक इस जिम्मेदारी को समझे और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाए. गुणवत्ता युक्त सीमेन का इस्तेमाल न केवल उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि नस्ल सुधार के माध्यम से पूरे देश के डेयरी सेक्टर को मजबूत बनाएगा. सरकार का यह अभियान न केवल किसानों को शिक्षित कर रहा है, बल्कि AI तकनीशियनों को भी ट्रेनिंग देकर उन्हें और दक्ष बना रहा है.

Published: 19 Aug, 2025 | 04:20 PM

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