रोज 20 लीटर दूध देती है यह भैंस, विदेशों तक में है मशहूर.. खरीदने से पहले ऐसे करें पहचान
भारत में डेयरी बिजनेस की रीढ़ बन चुकी है मुर्रा भैंस. इसकी दूध देने की क्षमता, स्वास्थ्य और लोकप्रियता इसे सबसे खास बनाती है. किसान इसकी मदद से अच्छी कमाई कर रहे हैं और विदेशी बाजारों में भी इसकी मांग बढ़ रही है.
Murrha Buffalo : अगर आप ऐसा बिजनेस ढूंढ रहे हैं जिसमें हर दिन कमाई हो और मुनाफा सालों तक बना रहे, तो डेयरी बिजनेस आपके लिए बेहतरीन विकल्प है. लेकिन सवाल उठता है कि कौन-सी भैंस से बिजनेस की शुरुआत करें? जवाब है- मुर्रा भैंस, जिसे किसान प्यार से दूध की रानी कहते हैं. हरियाणा की यह मशहूर नस्ल अब पूरे भारत में किसानों की पहली पसंद बन चुकी है. इसकी पहचान, दूध की गुणवत्ता और मजबूती ने इसे दुनिया भर में खास बना दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुर्रा भैंस भारत की सबसे उच्च दुग्ध उत्पादन करने वाली नस्लों में से एक है. यह औसतन 12 से 16 लीटर दूध रोजाना देती है, जबकि कुछ भैंसें 20 लीटर तक दूध दे सकती हैं. इसके दूध में 7 से 8 प्रतिशत फैट होता है, जिससे यह और भी पौष्टिक बन जाता है. यही कारण है कि मुर्रा भैंस का दूध बाजार में सबसे महंगा बिकता है. डेयरी विशेषज्ञों के मुताबिक, एक स्वस्थ मुर्रा भैंस पूरे 12 से 15 साल तक दूध देती है, यानी एक बार निवेश करने के बाद सालों तक मुनाफा मिलता रहता है.
मुर्रा भैंस की पहचान
मुर्रा भैंस की पहचान करना आसान है क्योंकि इसका शरीर चमकदार काले रंग का होता है. चेहरे और पैरों पर हल्के सफेद निशान कभी-कभी पाए जाते हैं. इसके सींग छोटे और पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं, जो इसे मजबूत बनाते हैं. इसकी आंखें बड़ी और चमकदार, कान छोटे और सतर्क रहते हैं. मादा भैंस की गर्दन पतली और लंबी, जबकि नर भैंसे की गर्दन भारी और मोटी होती है. इसकी पूंछ लंबी और फेटलॉक जोड़ तक पहुंचने वाली होती है, जो देखने में बेहद आकर्षक लगती है.
खान-पान का ध्यान रखें
जैसे इंसान को संतुलित आहार की जरूरत होती है, वैसे ही मुर्रा भैंस को भी सही चारे और पोषण की जरूरत होती है. रबी सीजन में इसे बरसीम, जई और सरसों का हरा चारा देना चाहिए, जबकि खरीफ सीजन में बाजरा, ज्वार और क्लस्टर बीन सबसे अच्छा माना जाता है. इसके अलावा, गेहूं का भूसा, खली और दालों का मिश्रण दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है. डेयरी विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर मुर्रा भैंस को साफ–सुथरे वातावरण में रखा जाए और नियमित टीकाकरण किया जाए, तो यह बीमारियों से सुरक्षित रहती है और लंबे समय तक दूध देती है.
कीमत और कमाई
मुर्रा भैंस की कीमत उसकी उम्र, दूध देने की क्षमता और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है. आमतौर पर, इसकी कीमत 80,000 रुपये से 3,00,000 रुपये के बीच होती है. लेकिन जो भैंस रोजाना 20 लीटर या उससे ज्यादा दूध देती है, उसकी कीमत 4 लाख रुपये तक भी पहुंच जाती है. मुर्रा भैंस का दूध ऊंचे फैट कंटेंट के कारण डेयरी और मिठाई उद्योगों में बहुत उपयोगी है. इससे घी, पनीर, दही, मावा जैसे उत्पादों में बेहतर स्वाद और गुणवत्ता मिलती है. कई किसान बताते हैं कि सिर्फ 2 मुर्रा भैंसों से ही वे महिनों में 40,000 रुपये से 60,000 रुपये तक की आमदनी कमा रहे हैं.
देश-विदेश में बढ़ती पहचान और मांग
हरियाणा से शुरू हुई मुर्रा नस्ल की लोकप्रियता अब उत्तर प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु तक फैल चुकी है. सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, श्रीलंका, ब्राजील और इटली जैसे देशों में भी इसे पाला जा रहा है. विदेशों में इसके दूध का इस्तेमाल औषधीय गुणों के कारण किया जा रहा है, जिससे भारत के पशुपालकों के लिए निर्यात के नए अवसर भी बन रहे हैं.