ठंड में पशुओं के लिए सरसों की खली बनी नेचुरल हीटर, बढ़ाती है ताकत और दूध उत्पादन
सर्दियों में जब पशु कमजोर होने लगते हैं, तब सरसों की खली उन्हें ताकत और गर्मी देती है. यह दूध उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करती है. एक्सपर्ट के अनुसार इसे सीमित मात्रा में चारे में मिलाकर देना चाहिए. सर्द मौसम में यह खली पशुओं के लिए एक सस्ता और फायदेमंद विकल्प बन गई है.
Mustard Cake: सर्दियों में जब ठंड हड्डियों तक चुभने लगती है, तब सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि पशु भी बेहद परेशान हो जाते हैं. शरीर कमजोर पड़ने लगता है, बीमारियां बढ़ जाती हैं और दूध उत्पादन भी कम हो सकता है. ऐसे मौसम में अगर कोई सस्ती, आसान और नेचुरल चीज पशुओं को ठंड से बचा ले, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है? पशुपालन वैज्ञानिक बताते हैं कि एक सामान्य-सी दिखने वाली वेस्ट चीज यानी सरसों की खली (Mustard Cake) सर्दियों में पशुओं के लिए किसी हीटर से कम काम नहीं करती.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरसों का तेल निकलने के बाद जो ठोस पदार्थ बचता है, उसे खली कहा जाता है. सुनने में भले साधारण लगे, लेकिन इसमें 30-35 फीसदी तक प्रोटीन पाया जाता है. यही वजह है कि इसे सर्दियों में पशुओं के चारे में मिलाना बहुत फायदेमंद माना जाता है. प्रोटीन के साथ-साथ इसमें ओमेगा फैटी एसिड भी होता है, जो दूध देने वाले पशुओं के शरीर को गर्म रखता है और ऊर्जा देता है. ठंड में जब पशुओं को ज्यादा ताकत की जरूरत होती है, तब खली उनकी कमजोरी दूर करती है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है.
दूध की मात्रा और गुणवत्ता-दोनों बढ़ाती है यह खली
सर्दियों में अक्सर पशु दूध कम देने लगते हैं. लेकिन सरसों की खली इस समस्या को काफी हद तक दूर कर देती है. पशुपालन विशेषज्ञों के अनुसार, इसमें मौजूद प्रोटीन और पोषक तत्व दूध की मात्रा बढ़ाते हैं. साथ ही दूध की क्वालिटी भी बेहतर होती है. खली का दूसरा बड़ा फायदा यह है कि यह पशुओं के रूमेन (पाचन तंत्र) को सक्रिय रखती है, जिससे चारा अच्छी तरह पच जाता है और शरीर को पूरा पोषण मिलता है.
यही वजह है कि दुधारू पशुओं के चारे में सर्दियों के दौरान खली को एक जरूरी हिस्सा माना जाता है.
ठंड से बचाए, हड्डियां मजबूत करे और रोगों से लड़ने की ताकत दे
ठंड में पशु अक्सर कमजोरी महसूस करते हैं, खासकर गाय, भैंस और छोटे बछड़े. सरसों की खली उन्हें ताकत देने के साथ शरीर में गर्मी बनाए रखती है. इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे मिनरल भी पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत रखते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. लेकिन खली खिलाते समय मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है. इसे हमेशा सीमित मात्रा में और धीरे-धीरे चारे में मिलाकर देना चाहिए. रिपोर्ट के अनुसार-
- गाय को रोजाना 1-1.5 किलो,
- भैंस को 1.5-2 किलो,
- और बछड़ों को आधा किलो तक खली मिलाई जा सकती है.
खली को सूखे भूसे, हरे चारे या दाना मिश्रण में मिलाकर दिया जा सकता है. रात के समय खिलाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इससे शरीर में पूरी रात गर्मी बनी रहती है.