युवा पशुपालकों की किस्मत बदल रही पशुधन योजना, जान लें लाभ और आवेदन का तरीका

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना से अब किसानों को पशुपालन में नए अवसर मिल रहे हैं. मुर्गी पालन, बकरी पालन, सूअर पालन और चारा यूनिट जैसे व्यवसायों को शुरू करने के लिए सरकारी मदद दी जा रही है.

नोएडा | Updated On: 2 May, 2025 | 11:10 PM

गांव में रहकर भी अब कमाई के नए रास्ते खुल चुके हैं. खेती के साथ अगर आप पशुपालन करना चाहते हैं तो केंद्र सरकार की योजना आपके लिए सुनहरा मौका लेकर आई है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत अब आप सरकारी सहयोग से मुर्गी फार्म, बकरी पालन, सूअर पालन, चारा यूनिट और यहां तक कि ऊंट और घोड़े से जुड़ा व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं. इसके लिए न तो आपको बड़े शहर जाने की जरूरत है और न ही बड़ी पूंजी की. जरूरत है तो बस एक अच्छी योजना, जमीन और जरूरी दस्तावेजों की.

इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी

अगर आप पशुपालन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो उसके लिए  कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है. इनमें आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता विवरण, भूमि के स्वामित्व का प्रमाण या लीज एग्रीमेंट शामिल हैं. इसके अलावा एक सिंपल-सी परियोजना रिपोर्ट देनी होती है. जिसमें बताना होता है कि आप किस पशुधन गतिविधि में निवेश करना चाहते हैं. यदि योजना के तहत लोन लिया गया है तो संबंधित बैंक की सहमति और गारंटी भी अनिवार्य होती है. ये सभी दस्तावेज मिलकर यह तय करते हैं कि लाभार्थी योजना के लिए पात्र है या नहीं.

ऐसे करें आवेदन?

इच्छुक लोग https://nlm.udyamimitra.in/Login/Login वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वेबसाइट पर लॉगिन करके आपको अपनी परियोजना से संबंधित जानकारी, जरूरी दस्तावेज और योजना का विवरण देना होता है.उसके बाद बैंक लोन या स्व-वित्त पोषित दोनों परियोजनाओं के लिए आवेदन किया जा सकता है.

उद्यमों को बढ़ावा देना पशुधन मिशन का लक्ष्य

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत सरकार पशुपालन से जुड़े कई उद्यमों के लिए सहायता देती है. इसमें मुर्गी पालन (पोल्ट्री फार्म), भेड़-बकरी प्रजनन यूनिट, सूअर पालन यूनिट, चारा ब्लॉक और घोड़ा, ऊंट, गधा जैसे पशुओं पर आधारित व्यवसाय शामिल हैं. हर योजना के लिए अलग-अलग सहायता राशि तय की गई है, ताकि जरूरत और क्षमता के अनुसार किसान या उद्यमी अपने पशुधन व्यवसाय को आसानी से शुरू कर सकें.

क्या है राष्ट्रीय पशुधन मिशन?

यह योजना साल 2014-15 में शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य है किसानों और पशुपालकों की आय को बढ़ावा देना. इस मिशन के तहत अलग-अलग प्रकार की पशुपालन इकाइयों की स्थापना के लिए सहायता मिलती है. साथ ही इस योजना के जरिए स्वदेशी नस्लों का संरक्षण, चारे की उपलब्धता बढ़ाना और पशुधन आधारित व्यवसाय को मजबूत करना भी मुख्य उद्देश्य है.

Published: 3 May, 2025 | 08:00 AM