भक्तों को संपन्नता देती हैं मां सिद्धिदात्री, आज ऐसे करें पूजा

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो अपने भक्तों को जीवन में सिद्धियां, सुख-सम्पत्ति और मोक्ष प्रदान करती हैं. माता की आराधना से भौतिक सुख और सिद्धियों की प्राप्ति होती है.

Kisan India
Agra | Updated On: 6 Apr, 2025 | 10:54 AM

चैत्र नवरात्रि का पर्व इस समय देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. नवरात्रि का यह पावन पर्व विशेष रूप से माता दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए है, जिसमें हर दिन एक देवी के अलग-अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. इस कड़ी में आज नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन माता के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना करने से भक्तों को जीवन में सिद्धियां, सुख-सम्पत्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

मां सिद्धिदात्री का दिव्य स्वरूप

माता का यह रूप अत्यंत दिव्य और सुशोभित माना जाता है. वहीं, उनके चार भुजाओं में एक भुजा में शंख, दूसरे में चक्र, तीसरे में गदा और चौथी भुजा में कमल का फूल होता है. इसके साथ ही माता कमल के पुष्प पर विराजमान होती हैं. उनकी पूजा से विशेष रूप से भौतिक सुख, और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए की जाती हैं. बता दें कि नवमी पूजा 5 अप्रैल शाम 7 बजे से शुरू होकर 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. ऐसी मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और संतोष प्रदान करती हैं.

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें. मां सिद्धिदात्री की मूर्ति स्थापित कर दीपक और फूल अर्पित कर पूजा की शुरुआत करें. इसके साथ ही माता को तिल और मेवे से बना भोग अर्पित करें और दिव्य मंत्री का जाप करें. पूजा के अंत में मां की आरती कर पूजा संपन्न करें. इसके साथ ही आप चाहें तो इस दिन बैंगनी या जामुनी रंग का वस्त्र धारण कर सकते हैं. इस रंग को पहनने से न केवल देवी का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि मन की शांति और समृद्धि भी मिलती है.

मां सिद्धिदात्री मंत्र

सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

मां सिद्धिदात्री की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार जब असुरों के अत्याचार से देवता परेशान हो गए थे, तो उन्होंने भगवान शिव और विष्णु से मदद मांगी. उनके तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ, जिसे मां सिद्धिदात्री कहा गया. मां सिद्धिदात्री ने देवताओं की मदद की और उनके द्वारा प्राप्त की गई शक्ति से ही भगवान शिव को सिद्धि प्राप्त हुई. इसी कृपा के कारण शिवजी का आधा शरीर देवी का बन गया और वे अर्धनारीश्वर के रूप में जाने जाते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 6 Apr, 2025 | 10:54 AM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%