Fish Farming: तालाब की कम गहराई से बढ़ रहा मछलियों की मौत का खतरा, सरकार ने जारी की एडवाइजरी
सर्दी बढ़ते ही छोटी पंगेशियस मछलियों पर खतरा बढ़ जाता है. बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने कहा है कि ठंड में तालाब की सही गहराई और गर्म पानी का संतुलन जरूरी है. थोड़ी सी लापरवाही से उत्पादन कम हो सकता है, इसलिए मछली पालकों को कुछ खास सावधानियां अपनानी चाहिए.
Fish Farming : ठंड ने दस्तक दे दी है और इसका असर मछलियों पर भी तेजी से देखा जा रहा है. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार सर्दी के दिनों में छोटी पंगेशियस मछलियां सबसे ज्यादा खतरे में आती हैं. अगर समय रहते गहराई और पानी के तापमान पर ध्यान न दिया जाए, तो पूरे तालाब की उत्पादन क्षमता पर सीधा असर पड़ सकता है. यही वजह है कि विभाग ने नवंबर से फरवरी के बीच मछली पालकों के लिए कुछ बेहद जरूरी सावधानियां बताई हैं, जिन्हें पालन करने से नुकसान रोका जा सकता है.
कम गहराई में ठंड से मछलियां जल्दी बीमार पड़ती हैं
बिहार सरकार के मत्स्य विभाग के अनुसार, पंगेशियस मछलियों का शरीर तापमान में गिरावट को जल्दी सहन नहीं कर पाता. खासकर वे मछलियां जो अभी बिक्री योग्य आकार में नहीं पहुंची हैं, उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत होती है. विभाग का कहना है कि अगर तालाब का पानी सिर्फ 4-5 फीट हो तो ठंड तेजी से नीचे तक पहुंच जाती है, जिससे मछलियां सुस्त पड़ जाती हैं, खाना कम करती हैं और अक्सर सतह पर तैरने लगती हैं. यह शुरुआती संकेत होते हैं कि तापमान उनके लिए बहुत कम हो चुका है. इस स्थिति में मृत्यु दर बढ़ जाती है और पूरी खेप पर असर पड़ सकता है.
सर्दी में मछलियों को बचाने के लिए जरूरी उपाय.
तालाब की गहराई कम से कम 8-10 फीट रखना जरूरी
विभाग की सलाह है कि जैसे ही ठंड शुरू हो, तालाब की औसत गहराई 8 से 10 फीट कर देनी चाहिए. इतनी गहराई में पानी का निचला हिस्सा गर्म बना रहता है और मछलियों को ठंड से सुरक्षा मिलती है. यह उपाय खासकर छोटे आकार की पंगेशियस मछलियों के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि वे तापमान बदलने के प्रति संवेदनशील होती हैं. गहराई ज्यादा होने से मछलियां तलहटी में सुरक्षित रहती हैं और उनके बढ़ने की गति भी प्रभावित नहीं होती.
रात में बोरिंग का पानी डालें
विभाग के अनुसार, सर्द रातों में तालाब के बीच से तलहटी तक बोरिंग का पानी डालना चाहिए. यह पानी स्वाभाविक रूप से गर्म होता है और तालाब के तापमान को संतुलित रखता है. इससे मछलियों को रात की कड़ाके की ठंड का झटका नहीं लगता. जब तालाब में 8-10 फीट पानी भर जाए, तब ऊपर की सतह पर एक निकासी पाइप लगाना चाहिए जिससे जरूरत से ज्यादा ठंडा पानी ऊपर से निकल जाए और तापमान स्थिर बना रहे. कई मछली पालकों ने इस तकनीक को अपनाकर पूरे सीजन में अच्छा उत्पादन हासिल किया है.