खेत गया था, पहुंच गया पाकिस्तान.. 18 दिन से पाक हिरासत में 23 साल का किसान

अमृतपाल का खेत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है, जो भारत की सीमा के अंदर है लेकिन बाड़ के बाहर आता है. रोज की तरह वह 21 जून को हर दिन की तरह वह दोपहर करीब 12 बजे अपने खेत पहुंचा और शाम 5 बजे तक लौटना था, क्योंकि तब तक BSF गेट बंद कर देती है.

नई दिल्ली | Updated On: 6 Jul, 2025 | 02:57 PM

पंजाब के फिरोजपुर जिले के छोटे से गांव खैरे उताड़ के 23 वर्षीय किसान अमृतपाल सिंह की जिंदगी अचानक रुक सी गई है. 21 जून को जब वो रोज की तरह अपने खेत पर गया था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह घर लौटते हुए सरहद पार कर जाएगा. अब 18 दिन बीत चुके हैं और अमृतपाल पाकिस्तान में फंसा हुआ है. घर में मां की आंखें हर दरवाजे की आहट पर उठती हैं, बाप की चिंता खामोशी में झलकती है और बहनें हर पल यही दुआ करती हैं- “भाई सही सलामत लौट आए.”

BSF की निगरानी में था खेत, पर एक चूक ने बदल दी जिंदगी

अमृतपाल का खेत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है, जो भारत की सीमा के अंदर है लेकिन बाड़ के बाहर आता है. रोज की तरह वह 21 जून को हर दिन की तरह वह दोपहर करीब 12 बजे अपने खेत पहुंचा और शाम 5 बजे तक लौटना था, क्योंकि तब तक BSF गेट बंद कर देती है. लेकिन इस बार वह लौटा ही नहीं.

BSF ने जब देखा कि अमृतपाल नहीं लौटा, तो खोजबीन शुरू हुई. इंसानी पैरों के निशान पाकिस्तान की ओर जाते दिखे. कई फ्लैग मीटिंग्स के बाद 27 जून को पाकिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया कि अमृतपाल उनकी पुलिस हिरासत में है.

सरकार और सांसद की कोशिशें तेज

माडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमृतपाल की वापसी के लिए फिरोजपुर से सांसद शेर सिंह घुबाया ने नई दिल्ली में बीएसएफ के डीजीपी से मुलाकात की है. उन्होंने सिर्फ अमृतपाल की बात नहीं की, बल्कि उन तमाम किसानों की समस्याएं भी उठाईं जिनकी जमीनें तारबंदी के बाहर हैं और जो हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर खेती करते हैं.

बीएसएफ के डीजीपी ने अमृतपाल को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास का भरोसा दिया है. सांसद घुबाया ने कहा, “हम सरकार के माध्यम से पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं. यह एक मानवीय मामला है, और हमें पूरी उम्मीद है कि अमृतपाल सुरक्षित घर लौटेगा.”

पाकिस्तान से संवाद और उम्मीद की किरण

भारतीय विदेश मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के माध्यम से बातचीत जारी है. अमृतपाल के परिजन और गांववाले हर दिन दुआ करते हैं कि दोनों देशों के बीच इंसानियत की आवाज सुनी जाए.

जीरो लाइन’ पर खेती और किसान की जिंदगी का जोखिम

पंजाब की सीमा से लगे जिलों, फाजिल्का, फिरोजपुर, अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर और तरनतारण में सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिनकी जमीनें बाड़ के बाहर “जीरो लाइन” पर हैं. इन्हें खेत में जाने के लिए BSF से समय तय होता है- सुबह 8 से शाम 5 बजे तक. अमृतपाल ने भी अपने मोटरसाइकिल से खेत पार किया था.

Published: 6 Jul, 2025 | 02:42 PM