फसलों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई किसानों को करने के लिए पीएम फसल बीमा योजना चलाई जा रही है. रबी फसलों का बीमा कराने की अपील किसानों से की गई है. जो किसान इस बार फसलों का बीमा नहीं करा रहे हैं, लेकिन बीते वर्ष बीमा कराया था तो उनके बैंक खाते से बीमा कंपनी प्रीमियम अपने आप काट लेगी. ऐसे में किसानों को पैसा कटने से बचाव के लिए कृषि विभाग ने उपाय बताया है.
मसूर, सरसों और गेहूं पर 1.5 प्रतिशत प्रीमियम पर मिलेगी बीमा सुरक्षा
रबी सीजन की फसलों को प्राकृतिक जोखिमों से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पंजीकरण अब लगभग अंतिम चरण में है. किसानों के लिए यह सुरक्षा कवच 31 दिसंबर तक उपलब्ध रहेगा. इसके बाद बीमा का लाभ किसानों को नहीं मिल सकेगा. ऐसे में जो किसान अपनी रबी फसलों का बीमा कराना चाहते हैं वो पीएम फसल बीमा योजना की ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए आवेदन कर सकते हैं. या फिर जिला कृषि कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं.
मसूर दाल और सरसों के लिए कितना प्रीमियम और क्लेम अमाउंट
रबी 2025-26 में किसानों के लिए फसलों का बीमा कराने पर केवल 1.5 फीसदी प्रीमियम देकर अपनी फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं. कृषि विभाग के अनुसार मसूर फसल पर 819 रुपये प्रीमियम प्रति हेक्टेयर बन रहा है और बीमित राशि 54,600 रुपये होगी. इसी तरह राई सरसों पर 775.50 रुपये प्रीमियम बनेगा और क्लेम राशि 51,700 रुपये होगी. हालांकि, उत्तर प्रदेश में हर जिले के हिसाब से फसल का बीमा प्रीमियम और क्लेम अमाउंट भिन्न हो सकता है.
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गेहूं फसल बीमा पर प्रीमियम राशि और क्लेम अमाउंट कितना होगा
गेहूं फसल का बीमा कराने पर किसानों को 1326 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रीमियम देना होगा. जबकि, बीमित राशि गेहूं के लिए 88,400 रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित है. अगर किसानों की फसल को नुकसान होता है तो उन्हें 72 घंटे के अंदर संबंधित बीमा कंपनी को सूचित करना होता है.फसल नुकसान पर किसान टोल फ्री नंबर 14447, कृषि विभाग, बैंक शाखा या कॉप इंश्योरेंस ऐप पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
इन वजहों से फसल नुकसान होने पर मिलेगा पैसा
किसानों को प्रदान की जाएगी आर्थिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, भूस्खलन, तूफान चक्रवात, कीट व रोग प्रकोप जैसी स्थितियों से होने वाली क्षति पर किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी. बोआई न हो पाने, असफल बोआई 50 प्रतिशत से अधिक उपज हानि तथा कटाई के बाद खेत में सुखाई के दौरान होने वाली क्षति भी कवर में शामिल है.
बिना बीमा कराए प्रीमियम कटने से बचने के लिए बैंक को लिखित में सूचना देनी होगी
पीएम फसल बीमा योजना अब पूरी तरह स्वैच्छिक है. किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वाले किसान किसान पीएम फसल बीमा के जरिए अपनी फसलों का बीमा इस वर्ष नहीं करा रहे हैं और बीते वर्ष उन्होंने बीमा कराया था तो उन्हें 24 दिसंबर तक अपनी बैंक शाखा में लिखित सूचना देनी होगी. ऐसा नहीं करने पर बैंक उनके खाते से प्रीमियम काटकर अपने आप बीमा कर देगा.