बुरादे की नमी में पनपता है ये खतरनाक वायरस, मुर्गियों की जान बचानी है तो हो जाइए सतर्क!

बारिश और नमी वाले मौसम में पोल्ट्री फार्म के बुरादे में जमा गंदगी से एक खतरनाक बीमारी तेजी से फैलती है. समय पर सतर्कता से न केवल मुर्गियों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि पोल्ट्री पालकों को होने वाले बड़े आर्थिक नुकसान से भी बचा जा सकता है.

नोएडा | Updated On: 13 Jul, 2025 | 07:36 PM

अगर आप पोल्ट्री पालन करते हैं या मुर्गियों को पालतू तौर पर रखते हैं तो सावधान हो जाइए. बरसात के मौसम या अधिक नमी वाले वातावरण में एक खतरनाक बीमारी तेजी से फैलती है. जिसे कॉक्सीडियोसिस या सामान्य भाषा में कॉक्सी कहा जाता है. यह बीमारी बुरादे में जमा नमी और गंदगी से पैदा होती है और कई बार पूरी पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों की जान ले लेती है. समय रहते लक्षण पहचानकर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है.

बुरादे से फैलता है खतरनाक संक्रमण

गर्मी और नमी बढ़ते ही मुर्गियों में एक खतरनाक बीमारी तेजी से फैलती है कॉक्सी. ये बीमारी बुरादे में छिपे एक सूक्ष्म जीव ऊसाइट से फैलती है. दराअसल, जब मुर्गियां गंदे या गीले बुरादे के संपर्क में आती हैं, तो ये कीटाणु उनकी आंतों को संक्रमित कर देते हैं. इसके लक्षण साफ दिखते हैं. इस रोग के होने से मुर्गी सुस्त हो जाती है, गर्दन झुकी रहती है और बीट लाल रंग की हो जाती है. अगर समय पर इलाज न मिले तो कई मुर्गियां एक साथ बीमार  पड़ती हैं और मरने लगती हैं.

लक्षणों को समय पर पहचानें

कॉक्सी का सबसे आम लक्षण है लाल रंग की बीट. इसके अलावा मुर्गी सामान्य से ज्यादा चुपचाप रहती है, गर्दन झुकाकर खड़ी रहती है और दाना-पानी नहीं खाती. अगर तुरंत ध्यान न दिया जाए तो यह बीमारी अन्य मुर्गियों में भी फैल सकती है. मीडिया के एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टमार्टम में आमतौर पर आंतों में खून पाया जाता है, जो इस बीमारी की पुष्टि करता है.

बचाव के लिए करें ये उपाय

समय पर इलाज से बचेगी जान और घाटा भी

कॉक्सी बीमारी जितनी तेजी से फैलती है, उतनी ही जल्दी इसका इलाज भी संभव है. बस इसके लिए समय रहते कदम उठाना बहुत जरूरी है. यदि बीमारी को नजरअंदाज  किया गया तो पूरी पोल्ट्री यूनिट खतरे में आ सकती है. लेकिन यदि दाने में दवा मिलाकर, बुरादे की सफाई कर और बीमार पक्षियों को अलग रखकर बचाव किया जाए तो बड़ी संख्या में मुर्गियों की जान बचाई जा सकती है और आर्थिक नुकसान भी रोका जा सकता है.

Published: 13 Jul, 2025 | 07:36 PM

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