बकरी का चारा सड़ा तो सब गया! बारिश और नमी में ऐसे बचाएं आहार, नहीं तो खर्चा होगा डबल
बरसात के मौसम में बकरी पालन करने वालों को चारे और दाने के भंडारण में खास सावधानी बरतनी चाहिए. क्योंकि नमी से चारा सड़ सकता है और इसे खाकर बकरियां बीमार पड़ सकती हैं.
बरसात शुरू होते ही बकरी पालकों की चिंता बढ़ जाती है. खेतों में पानी भर जाता है, हवा में नमी बढ़ जाती है और सबसे पहले असर होता है चारे और दाने पर. अगर समय रहते ध्यान न दिया गया तो चारा सड़ सकता है, उसमें फफूंद लग सकती है और इससे बकरियों की सेहत पर सीधा असर पड़ेगा. बीमारियां बढ़ेंगी, खर्चा भी बढ़ेगा और आमदनी घट जाएगी. ऐसे में बरसात के मौसम में आहार का सही भंडारण और प्रबंधन बेहद जरूरी है. यह न सिर्फ नुकसान से बचाएगा बल्कि बकरियों को भी स्वस्थ रखेगा.
गीले मौसम में ऐसे बचाएं चारा-दाना
बरसात में सबसे बड़ा खतरा होता है चारे के भीगने और उसमें फफूंद लगने का. फंगस लगा चारा जानवरों को बीमार कर सकता है. इसलिए आहार को सूखी और हवादार जगह पर रखें. अगर पॉलीथिन या प्लास्टिक शीट से ढकते हैं तो ध्यान रखें कि उसमें हवा आने-जाने का रास्ता बना रहे. दाना और सूखे चारे को किसी ऊंचे तख्त पर रखें, ताकि नीचे से नमी न पहुंचे. बारिश में आहार घटकों की बर्बादी रोकने के लिए इन्हें छोटी-छोटी मात्रा में ही निकालें.
भंडारण में नमी से कैसे बचें?
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फफूंदी और गंध से बचने के लिए चारे का नमी स्तर 12 प्रतिशत से कम होना चाहिए. ज्यादा नमी से उसमें कीड़े लग सकते हैं और पोषण भी खत्म हो जाता है. इसलिए भंडारण करते समय जगह को सूखा और साफ रखें. यदि चारा पहले से थोड़ा गीला हो तो उसे दोबारा धूप में सुखाकर ही भंडारण करें. ध्यान दें कि बरसात में खुले में चारा रखना सीधी बर्बादी है, इसलिए गोदाम में बंद कंटेनर या बोरे का इस्तेमाल करें.
बरसात में बकरी को बीमारियों से बचाएगा साफ पानी
बरसात के दिनों में सिर्फ चारे पर नहीं, पानी पर भी ध्यान देना जरूरी है. गंदा या जमा हुआ पानी बीमारियों का बड़ा कारण बन सकता है, क्योंकि इसमें कीड़े और बैक्टीरिया पनपते हैं. इसलिए बकरी को रोज साफ और ताजा पानी पिलाना चाहिए. 20 किलो वजन की बकरी को सामान्य मौसम में लगभग 700 मिलीलीटर पानी चाहिए होता है, जबकि गर्मी या उमस में इसे डेढ़ गुना तक बढ़ा देना चाहिए. बकरी के पीने वाले टब या बाल्टी को हर दिन साफ करना जरूरी है, ताकि बीमारी न फैले.
आहार से जुड़ी जरूरी सावधानियां
बकरी पालन में यह समझना जरूरी है कि छोटे बकरों (बकरी के बच्चे) को एक बार में ज्यादा दाना नहीं देना चाहिए. बेहतर होगा कि उन्हें दिन में कई बार कम मात्रा में आहार दिया जाए. इससे न सिर्फ चारा बर्बाद होने से बचेगा, बल्कि बच्चों का पाचन भी सही रहेगा. साथ ही जब चारा और दाना सस्ते मिलें, तभी उन्हें खरीदकर स्टॉक कर लेना चाहिए. इससे बरसात के दौरान महंगे आहार का खर्च और कमी दोनों से बचा जा सकता है.