Goat Farming: तोतापुरी बकरी से कम खर्च में ज्यादा मुनाफा, किसानों के लिए बनी कमाई की गारंटी
तोतापुरी बकरी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. यह नस्ल अपने ज्यादा दूध, स्वादिष्ट मांस और कम देखभाल की जरूरत के कारण लोकप्रिय है. दक्षिण भारत से शुरू होकर अब देशभर में इसका पालन तेजी से बढ़ रहा है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है.
Totapuri Goat : अगर आप खेती के साथ कोई ऐसा काम शुरू करना चाहते हैं जो हर महीने पक्की आमदनी दे, तो बकरी पालन आपके लिए सबसे बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है. खासकर तोतापुरी नस्ल की बकरी आजकल किसानों के बीच खूब लोकप्रिय हो रही है. यह नस्ल न सिर्फ स्वादिष्ट मांस देती है, बल्कि दूध उत्पादन में भी जबरदस्त है. यही वजह है कि इसे डबल इनकम वाली बकरी कहा जाता है. आइए जानते हैं तोतापुरी बकरी की खासियत, पहचान, कीमत और किसानों के लिए इसके फायदे.
तोतापुरी बकरी: दूध और मांस दोनों में जबरदस्त
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तोतापुरी नस्ल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बकरी एक साथ दूध और मांस दोनों के लिए फायदेमंद होती है. यह औसतन 2 से 3 लीटर तक दूध प्रतिदिन देती है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है. बाजार में इसका दूध घी, पनीर और मिठाइयां बनाने के लिए खूब इस्तेमाल होता है. वहीं, इसका मांस कोमल, स्वादिष्ट और कम चिकनाई वाला होता है-जिसकी वजह से यह होटल और मीट बाजारों में खूब बिकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, तोतापुरी बकरी का मांस उच्च प्रोटीन और कम वसा वाला होता है, जो सेहत के लिए भी बेहतर है. यही कारण है कि आज भारत के कई राज्यों में किसान इस नस्ल को अपनाकर हर महीने अच्छी कमाई कर रहे हैं.
पहचान से लेकर बनावट तक
तोतापुरी बकरी की पहचान करना बहुत आसान है. इसका शरीर सफेद या क्रीम रंग का होता है और इसका आकार मध्यम लेकिन मजबूत होता है. इसके कान लंबे और नीचे की ओर झुके हुए रहते हैं- जो इसे बाकी नस्लों से अलग पहचान देते हैं. इसके सींग छोटे और हल्के तिरछे होते हैं, जबकि त्वचा चिकनी और बाल घने होते हैं. शरीर में मांसपेशियों का विकास बेहतर होता है, जिससे यह बकरी मेहनती काम के लिए भी उपयुक्त रहती है. यही कारण है कि किसान इसे खेती-बाड़ी और दूध उत्पादन , दोनों के लिए इस्तेमाल करते हैं.
कीमत और बाजार की डिमांड
तोतापुरी बकरी की कीमत उसके वजन, उम्र, दूध उत्पादन और सेहत पर निर्भर करती है. आमतौर पर एक अच्छी नस्ल की स्वस्थ बकरी की कीमत 10,000 से 25,000 रुपये तक होती है. वहीं, छोटे बच्चे की कीमत लगभग 5,000 रुपये से शुरू होती है. देशभर के पशु मेलों और बाजारों में तोतापुरी बकरी की मांग लगातार बढ़ रही है. इसकी वजह है-इसका दोहरा फायदा: दूध और मांस दोनों से कमाई. कम चारा खाने के बावजूद यह बेहतर उत्पादन देती है, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा और कम खर्च में सफलता मिलती है.
कम देखभाल में ज्यादा फायदा
तोतापुरी बकरी की एक और बड़ी खासियत है कि इसे बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. यह कठोर जलवायु में भी खुद को आसानी से ढाल लेती है. चाहे गर्मी हो या सर्दी– यह हर मौसम में टिकी रहती है. सूखे इलाकों में भी यह आसानी से चर सकती है. किसानों के मुताबिक, इस नस्ल की बकरी के लिए सिर्फ साफ-सुथरा शेड, ताजा पानी और संतुलित आहार काफी होता है. अगर पशु को समय-समय पर टीकाकरण और कृमिनाशक दवा दी जाए, तो यह लंबे समय तक स्वस्थ रहती है और ज्यादा दूध देती है.
किसानों के लिए सुनहरा अवसर
तोतापुरी नस्ल की बकरी उन किसानों के लिए बेहद उपयोगी है जो खेती के साथ साइड बिजनेस करना चाहते हैं. एक बार में दो से तीन बच्चे देने की क्षमता से इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है, जिससे सालभर में अच्छा झुंड तैयार हो जाता है. दूध, मांस और खाद- तीनों से किसानों को आमदनी मिलती है. यही वजह है कि इसे चलता-फिरता एटीएम कहा जाता है. अगर किसान वैज्ञानिक तरीके से पालन करें तो महज छह महीने में हजारों रुपये तक की आमदनी संभव है.