डेयरी खोलने पर मिलेगी 42 लाख तक की मदद, सरकार दे रही है 33 फीसदी सब्सिडी
मध्यप्रदेश सरकार की डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत डेयरी फार्म खोलने पर 42 लाख तक का लोन और 33 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मिल सके.
मध्यप्रदेश सरकार अब किसानों और युवाओं को सिर्फ खेती के भरोसे नहीं छोड़ रही है. अप्रैल 2025 में शुरू हुई डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के जरिए सरकार लोगों को डेयरी फार्मिंग से स्वरोजगार और कमाई का बेहतरीन मौका दे रही है. इस योजना के तहत योग्य लोगों को 42 लाख रुपये तक का लोन और 33 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है. इसका लक्ष्य है ग्रामीण इलाकों में रोजगार बढ़ाना, दूध उत्पादन में इज़ाफा करना और पशुपालन को एक लाभदायक व्यवसाय बनाना.
क्या है डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना?
यह योजना पहले मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के नाम से चलती थी, जिसे अब नया नाम और रूप देकर लॉन्च किया गया है. इसका मकसद है-
- किसानों और बेरोजगार युवाओं को डेयरी फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित करना.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना.
- पशुपालन को बड़े स्तर पर बिजनेस का रूप देना.
कितनी मिलेगी लोन और सब्सिडी?
इस योजना के तहत आप डेयरी फार्मिंग यूनिट खोल सकते हैं और इसके लिए सरकार देगी बड़ी आर्थिक मदद-
- एक लाभार्थी को अधिकतम 42 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है.
- हर यूनिट में कम से कम 25 दुधारू पशु (गाय या भैंस) होने चाहिए.
- अधिकतम 8 यूनिट की अनुमति है यानी कुल 200 पशु.
- SC/ST वर्ग को 33 फीसदी और अन्य वर्गों को 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी.
- सब्सिडी की राशि तीन साल की लॉक-इन अवधि के बाद एकमुश्त दी जाएगी.
- योजना का लाभ 7 साल या लोन चुकता होने तक जारी रहेगा.
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना के लिए कुछ जरूरी पात्रता शर्तें तय की गई हैं-
- आवेदक मध्यप्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए.
- न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए.
- किसी मान्यता प्राप्त संस्था से डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण लिया होना चाहिए.
- हर यूनिट के लिए कम से कम 3.5 एकड़ कृषि भूमि होनी जरूरी है.
- अगर जमीन संयुक्त है, तो परिवार के बाकी सदस्यों की लिखित सहमति जरूरी है.
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और इसमें आधार कार्ड लिंक होना जरूरी है.
जरूरी दस्तावेज-
- आधार कार्ड.
- भूमि का रिकॉर्ड (खसरा/खतौनी).
- डेयरी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र.
- पासपोर्ट साइज फोटो.
- बैंक खाता विवरण.
- जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो).
- आपको मध्यप्रदेश सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा.
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी मिलेगा
सरकार सिर्फ पैसा ही नहीं दे रही, बल्कि योजना के तहत समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर और गाइडेंस सेशन भी आयोजित किए जाते हैं. इन सत्रों में बताया जाता है-
- डेयरी फार्म कैसे चलाएं.
- पशुओं को क्या आहार दें.
- बीमारियों से कैसे बचाएं.
- दूध बेचने और बाजार से कैसे जुड़ें.
- इससे नए लोग भी आत्मविश्वास के साथ डेयरी बिजनेस में कदम रख सकते हैं.
क्यों खास है यह योजना?
यह योजना किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़ाकर उद्योग आधारित डेयरी फार्मिंग की ओर ले जाती है.
- लोन के लिए बैंकों और सहकारी संस्थाओं से मदद मिलती है.
- महिलाएं और युवा भी इससे जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
- दूध उत्पादन बढ़ने से पोषण सुरक्षा और दुग्ध प्रसंस्करण उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा.
- पशु बीमा, टीकाकरण, और चिकित्सा सेवाएं भी इस योजना में शामिल हैं.