पारंपरिक खेती छोड़ थामा आधुनिक तकनीक का हाथ, बैतूल के किसान भूपेंद्र कर रहे लाखों में कमाई

बैतूर के रहने वाले किसान भूपेंद्र पवार ने बताया कि विभाग के अधिकारियों से उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शन और सहायता मिली, जिससे उनका उत्साह बढ़ा और नतीजा ये निकला कि गेंदे की खेती से उन्हें अच्छा उत्पादन हुआ.

नोएडा | Updated On: 13 Jul, 2025 | 08:32 PM

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं.  जिसमें उनका साथ उद्यानिकी और कृषि विभाग दे रहा है. बैतूर जिल के ग्राम आरुल में ऐसे ही एक किसान हैं जनका नाम है भूपेंद्र पवार, जो अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक कृषि तकनीकों और योजनाओं के मदद से एक सफल किसान तथा पशुपालक के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं.

किसान भूपेंद्र बताते हैं कि उनकी यह सफलता उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन और सहयोग से संभव हो सकी है.बता दें कि पहले वे गेहूं और सोयाबीन जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते थे, लेकिन इससे उनकी आय सीमित थी. इसके बाद उन्होंने उद्यानिकी विभाग द्वारा चलाई जा रही पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के तहत गेंदे के फूल की खेती करना शुरू किया जो कि उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुई.

एक एकड़ में शुरू की खेती

बैतूर के रहने वाले किसान भूपेंद्र पवार ने बताया कि विभाग के अधिकारियों से उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शन और सहायता मिली, जिससे उनका उत्साह बढ़ा और नतीजा ये निकला कि गेंदे की खेती से उन्हें अच्छा उत्पादन हुआ. उन्होंने बताया कि पिछले साल एक एकड़ जमान पर उन्होंने गेंदे के फूल की खेती की शुरुआत की थी, जिससे उन्हें करीब सवा लाख रुपये की आमदनी हुई. पिछले साल मिली सफलता से प्रोत्साहित होकर उन्होंने इस साल भी गेंदे की खेती का विस्तार किया है. बता दें कि खेती के साथ-साथ भूपेंद्र पवार डेयरी के व्यवसाय में भी सक्रिय हैं. वर्तमान में उनके पास चार दुधारू पशु हैं, जिनसे नियमित दूध उत्पादन होता है.दूध उत्पादन से भी उन्हें हर दिन अच्छी आय मिलती है.

किसान भूपेंद्र पवार के गेंदे के खेत

पीएम मोदी को दिया आभार

जिले के कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के तहत अपने जीवन स्तर में सुधार आने पर किसान भूपेंद्र पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है. भूपेंद्र बताते हैं कि आसपास के किसान भी उनसे खेती संबंधी सलाह लेने के लिए आते हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर सभी किसान मिलकर बैतूल बाजार कृषि केंद्र भी जाते हैं जहां पर उन्हें मिट्टी की जांच से लेकर अच्छा उत्पादन देने वाली फसलों की भी जानकारी समय पर मिल जाती है जिसके चलते बैतूल जिले के किसान पपीता आम और ककड़ी जैसे फलों की खेती कर भी अच्छी आमदनी कर रहे हैं.

महिलाओं के जीवन में आया सुधार

आधुनिक खेती से भूपेंद्र पवार न केवल अपने जीवन स्तर को सुधार रहे हैं बल्कि उनके खेतों में काम करने वाली महिलाएं भी सशक्त हो रही हैं. भूपेंद्र पवार के खेतों में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्होंने जब से भूपेंद्र के खेतों में काम शुरू किया है तब से उन्हें बाहर बाजार से सब्जी भाजी नहीं लेनी पड़ती है. वे बताती हैं कि उन्हें खेत से ही फल – फूल और जैविक सब्जियां बिना खर्च के ही मिल जाती हैं जिससे उनके स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है.

Published: 14 Jul, 2025 | 09:00 AM

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