आपने अकसर पानी में उगने वाले बहुत से पौधे देखें होंगे. ये पौधे अपनी सुंदरता के चलते लोगों को अपनी ओर आकर्षित भी करते हैं. ऐसा ही पानी में उगने वाला एक पौधा है जलकुंभी. जो कि अपने मनमोहक रंग से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. वैसे तो ये पौधा पानी में उगता है लेकिन इसकी खासियत है कि इसका इस्तेमाल जैविक खाद बनाने में किया जा सकता है. खबर में आगे बात करेंगे कि कैसे जलकुंभी से जैविक खाद को बनाया जा सकता है.
इस विधि से बनाएं खाद
जलकुंभी से खाद बनाने के लिए सबसे पहले जलकुंभी को ताजे पानी से निकालकर अच्छे से साफ कर लें. इसके बाद जलकुंभी को किसी छांव वाली जगह पर रखें ताकि उसका पानी अच्छे से सूख जाए. सूखने के बाद जलकुंभी को गोबर की खाद, लकड़ी की राख या अन्य जैविक पदार्थों के साथ मिलाकर एक ढेर बना लें. अब इस ढेर को हर 10 से 15 दिन में पलटें ताकि ढेर में ऑक्सीजन पास हो सके. बता दें इस पूरी प्रक्रिया के करीब 30 से 45 दिनों बाद खाद बनकर तैयार हो जाती हैं.
ऐसे करें खाद का इस्तेमाल
खेतों में जलकुंभी से बनी खाद का इस्तेमाल करने के लिए खाद को खेतों में बीजों की बुवाई से पहले मिट्टी में मिला सकते हैं. गमलों में इस खाद का इस्तेमाल करने के लिए इसे पौधों की जड़ों के पास डालें , ऐसा करने से पौधों की ग्रोथ तेज होती है. जलकुंभी से बनी खाद का इस्तेमाल आप मल्चिंग के दौरान भी कर सकते हैं. पौधों के चारों तरफ इस खाद की परत बिछाएं. ऐसा करने से नमी बनी रहती है और खरपतवार भी कंट्रोल में रहते हैं.
जलकुंभी से बनी खाद के फायदे
जलकुंभी एक ऐसा पौधा है जिसमें नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटैशियम (K), कैल्शियम (Ca), सल्फर (S) और जिंक जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो कि इसे उर्रवरक बनाने के लिए सबसे सही बनातें हैं. जलकुंभी से बनी खाद मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वो को सुधारने में मदद करती है. इसके साथ ही मिट्टी में मौजूद सूक्ष्मजीवों की गतिविधियां में भी सुधार करती है.