हरी सब्जियों की कीमत में लगी आग.. 50 रुपये किलो तक बढ़े रेट, आम जनता परेशान

महाराष्ट्र में समय से पहले मॉनसून और भारी बारिश के कारण सब्ज़ियों की फसल और सप्लाई पर असर पड़ा है. एपीएमसी वाशी में आवक कम होने से दाम 10 से 50 रुपये किलो तक बढ़े हैं.

नोएडा | Updated On: 14 Jun, 2025 | 03:18 PM

महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में समय से पहले मॉनसून आने से सब्जियों की फसल पर बुरा असर पड़ा है. साथ ही बारिश से सब्जियों की सप्लाई भी प्रभावित हुई है. इससे होलसेल मार्केट में सब्जियां महंगी हो गई हैं. वहीं, खुदरा बाजार में कई सब्जियां 10 से 50 रुपये किलो तक महंगी हो गई हैं. कहा जा रहा है कि कम आवक के चलते इनकी कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है.

नवी मुंबई के वाशी स्थित एपीएमसी होलसेल मार्केट में कई सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में खुदरा बाजार में हालत और खराब हो गए हैं. क्योंकि खुदरा मार्केट में सब्जियों के दाम 50 फीसदी से 100 फीसदी तक बढ़ गए हैं. खासतौर पर पत्तेदार सब्जियां ज्यादा प्रभावित हुई हैं. वहीं, वाशी स्थित एपीएमसी होलसेल मार्केट में कीमत बढ़ने से मुंबई में भी सब्जियां महंगी हो गई हैं. क्योंकि इसी मार्केट से मायानगरी में भी सब्जियों की सप्लाई होती है.

50 रुपये किलो तक बढ़ा दाम

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एपीएमसी के सब्जी थोक व्यापारी विकास मोरे ने कहा कि नासिक जिला मुंबई को 80 फीसदी से ज्यादा सब्जियों की सप्लाई करता है, लेकिन मई में वहां रिकॉर्ड बारिश हुई, जिससे कई फसलें बर्बाद हो गईं. बारिश के दौरान सब्जियों के परिवहन से भी नुकसान होता है, जिससे कई खेप फेंकनी पड़ रही है. मोरे ने आगे कहा कि जब सब्जियों की आवक इतनी कम हो जाती है, तो दाम बढ़ना तय है. सब्जियों की उपलब्धता के हिसाब से दामों में कम से कम 10 से लेकर 50 रपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हुई है.

बहुत कम मात्रा में सब्जियां मिल रही हैं

वाशी मार्केट के रिटेलर विजय यादव ने कहा कि एपीएमसी से बहुत कम मात्रा में सब्जियां मिल रही हैं. बारिश ने सब कुछ बिगाड़ दिया है और बाजार पर इसका बुरा असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि जो स्टॉक वे खरीदते हैं, उसमें से काफी हिस्सा बारिश के कारण खराब हो जाता है. जो बचता है, उसे बेचकर कम से कम खर्च निकल जाए और कुछ मुनाफा हो सके, यही कोशिश रहती है.

लोग कर रहे कम खरीदारी

उन्होंने कहा कि खुदरा बाजार में दाम थोक बाजार से ज्यादा बढ़ते हैं, क्योंकि हमारा नुकसान भी ज्यादा होता है. फिर भी हमने दाम ज्यादा नहीं बढ़ाए, ताकि माल जल्दी बिक जाए. लेकिन ग्राहक भी बहुत कम आ रहे हैं और जो आ रहे हैं, वे कम मात्रा में खरीद रहे हैं.

Published: 14 Jun, 2025 | 03:08 PM