खेती के साथ किसानों को जल संरक्षण करना होगा, 29 मई से वैज्ञानिक देंगे ट्रेनिंग

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'विकसित भारत संकल्प पदयात्रा' के दौरान दावा किया कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 27 May, 2025 | 08:00 AM

केंद्रीय कृषि मंत्री ने पदयात्रा के दौरान किसानों, युवाओं और महिलाओं के साथ संवाद में कहा कि खेती के साथ किसानों को जल संरक्षण पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि किसानों को उन्नत खेती के बारे में प्रशिक्षण और जानकारी कृषि वैज्ञानिक 29 मई से शुरू हो रहे अभियान में देंगे. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ‘विकसित भारत संकल्प पदयात्रा’ के दौरान दावा किया कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह पदयात्रा मध्यप्रदेश के बुधनी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी गांवों में पहुंची, जहां कृषि मंत्री ने ग्रामीणों से संवाद किया, केंद्र की योजनाओं की जानकारी दी और आदिवासियों के साथ पारंपरिक नृत्य कर जश्न भी मनाया.

तीन गांवों में पहुंची पदयात्रा

पदयात्रा के दूसरे दिन कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा के बिजला जोड़, चांदा, और भैरूंदा गांव पहुंचे. यहां उन्होंने युवाओं, महिलाओं और लाभार्थियों से सीधा संवाद किया. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, जल संरक्षण योजनाओं और स्वरोजगार कार्यक्रमों के लाभार्थियों से बात कर फीडबैक भी लिया.

किसानों के खेतों तक पहुंचेगा विज्ञान

कृषि मंत्री ने घोषणा की कि 29 मई से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत होगी. इस अभियान के तहत ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के वैज्ञानिक सीधे किसानों के खेतों में जाकर मिट्टी परीक्षण, बीज चयन, पोषण और कीट नियंत्रण जैसे विषयों पर मार्गदर्शन देंगे. उनका मानना है कि अगर किसान वैज्ञानिकों से जुड़ेंगे तो खेतों में क्रांति होगी.

Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan

Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan

भारत जल्द बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

भैरूंदा गांव में मंच से बोलते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि आज मैं आप सबको एक खुशखबरी देना चाहता हूं, भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर चौथे स्थान पर आ चुका है. ये पीएम मोदी की दूरदर्शी नीतियों का परिणाम है और वो दिन दूर नहीं जब भारत तीसरी और फिर पहली सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा. इस दौरान उन्होंने बताया कि 2014 में भारत 11वें स्थान पर था और बीते 10 वर्षों में यह क्रमशः आगे बढ़ता गया है.

आदिवासी परंपरा संग मनाया जश्न

भैरूंदा गांव में मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह ने पारंपरिक तीर-कमान हाथ में लेकर आदिवासियों के साथ नृत्य किया. यह दृश्य न सिर्फ सांस्कृतिक एकता का प्रतीक था, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार केवल योजनाओं की घोषणा नहीं कर रही, बल्कि जमीनी जुड़ाव भी बना रही है. इस मौके पर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला.

जल संरक्षण की शपथ दिलवाई

कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने जल जीवन मिशन के तहत ‘कलश यात्रा’ में हिस्सा लिया और मंच से उपस्थितजनों को जल संरक्षण की शपथ दिलवाई. उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है. वर्षा जल को संरक्षित करना, खेत-तालाब बनाना और जल पुनर्भरण को अपनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को चेकडैम, स्टॉपडैम और खेत-तालाब जैसी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील भी की.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने बचपन में पढ़ा था “रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून. पानी मिले न ऊबरै, मोती मानुष चून.” पानी के बिना जीवन संभव ही नहीं है. पानी बरसात में आता है, बहकर चला जाता है, पानी से खेतों की सिंचाई तो कर रहे हैं, धरती माँ के पेट से जल तो निकाल रहे हैं, लेकिन फिर से धरती माँ के पेट में पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है और इसका परिणाम भयानक हुआ है.

2 हजार फीट नीचे पानी मिलना मुश्किल होगा

कृषि मंत्री ने कहा कि किसान भाई जानते होंगे, पहले पानी कितने फिट पर निकलता था और आज कितने फिट पर निकलता है और अगर ये स्थिति जारी रही तो हजार, 1.5 हजार, 2 हजार फिट पर भी पानी नहीं मिले और इसलिए आज जरूरी है कि हम पानी को बचाने के बारे में सोचें. पानी को बचाने के 3-4 रास्ते हैं, ये जल पर संवाद है – नंबर 1 पानी व्यर्थ ना जाने दें, पानी की एक-एक बूंद कीमती है, इसलिए एक-एक बूंद बचाएं. एक-एक बूंद की चिंता करें, जितना जरूरत हो उतने में हाथ-मुंह धोएं, जितना जरूरत हो, उतने में नहाएं और उससे भी बड़ी बात है कि बरसात अब आने वाली है.

विकसित भारत के लिए साझा संकल्प

अपने संबोधन में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह केवल पदयात्रा नहीं, बल्कि विकसित भारत के निर्माण का संकल्प है. स्वच्छता, बेटियों की शिक्षा, आंगनवाड़ी, अस्पताल, रोजगार और सड़क जैसी बुनियादी जरूरतों पर सभी को मिलकर काम करना होगा.

युवाओं से संवाद में दिया आत्मबल का मंत्र

बिजला जोड़ गांव में युवाओं से संवाद करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मनुष्य जैसा सोचता है, वैसा बनता है. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि हम ईश्वर के अंश हैं, कोई भी कार्य असंभव नहीं है. उन्होंने युवाओं को राष्ट्रनिर्माण की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सिर्फ अपने लिए नहीं, देश के लिए भी जीना सीखो. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जल संरक्षण सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है.

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Published: 27 May, 2025 | 08:00 AM

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