खेतों पर ही मिलेगी टेक्नोलॉजी और डेटा से जुड़ी जानकारी, पूरे देश में खुलेंगे 25 स्मार्ट फार्म सेंटर्स
आर्या.एग ने देशभर में 25 स्मार्ट फार्म सेंटर्स शुरू करने की घोषणा की है, जो किसानों को खेत पर ही टेक्नोलॉजी, डेटा और ट्रेनिंग की सुविधा देंगे. महिला सामुदायिक द्वारा संचालित ये सेंटर IoT मिट्टी जांच, ड्रोन इमेजिंग और मौसम अलर्ट जैसी सेवाएं देंगे, जिससे खेती अधिक उत्पादक और लाभदायक बनेगी.
Agriculture News: पशुओं के लिए पौष्टिक आहार बानाने वाली कंपनी आर्या.एग (Arya.ag) ने पूरे देश में 25 स्मार्ट फार्म सेंटर्स शुरू करने की घोषणा की है. इन सेंटर्स का मकसद है किसानों को सीधे उनके खेतों पर ही टेक्नोलॉजी और डेटा से जुड़ी जानकारी देना है, ताकि वे खेती से जुड़े फैसले सोच-समझकर ले सकें और बेहतर कमाई कर सकें. अब तक आर्या.एग ने भंडारण, फाइनेंस और बाजार से किसानों को जोड़ने वाला एक भरोसेमंद नेटवर्क बनाया है. स्मार्ट फार्म सेंटर्स इस नेटवर्क को अब खेती के पहले चरण (प्री-हार्वेस्ट) तक बढ़ा रहे हैं, ताकि किसान शुरुआत से ही तकनीकी सहायता पा सकें और उनकी उत्पादकता बढ़े.
हर सेंटर को महिला सामुदायिक द्वारा चलाया जाएगा. यहां किसानों को IoT बेस्ड मिट्टी की जांच, स्थानीय मौसम की जानकारी, ड्रोन इमेजिंग, क्लाइमेट इंश्योरेंस और खेती संबंधी ट्रेनिंग जैसी सेवाएं मिलेंगी. इन सुविधाओं से किसान बुवाई से लेकर फसल कटाई और फाइनेंसिंग तक हर स्टेप पर बेहतर निर्णय ले पाएंगे. ये सेंटर्स Neoperk, BharatRohan, FarmBridge, Finhaat, Fyllo और आर्या.एग के CVRPs (Community Value Chain Resource Persons) के साथ मिलकर बनाए गए है. इन पार्टनरशिप्स से एक ऐसा नेटवर्क बना है जहां हर डेटा पॉइंट किसानों की फैसला लेने की क्षमता, स्थिरता और आय को मजबूत करता है.
खेती में तरक्की का रास्ता सहयोग से ही निकलता है
आर्या.एग के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर शेनॉय मैथ्यू ने कहा कि किसान अब तक मिट्टी, मौसम और बाजार की अनिश्चितताओं से जूझते रहे हैं. स्मार्ट फार्म सेंटर्स उन्हें वह जानकारी और नेटवर्क देते हैं जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें. जब टेक्नोलॉजी खेत के दरवाजे तक पहुंचती है और समुदाय खुद उसे चलाता है, तभी असली बदलाव आता है. वहीं, आर्या.एग के को-फाउंडर और CEO प्रसन्ना राव ने कहा कि खेती में तरक्की का रास्ता सहयोग से ही निकलता है. स्मार्ट फार्म सेंटर्स इस बात का सबूत हैं कि जब टेक्नोलॉजी, डेटा और समुदाय साथ आते हैं, तो व्यावहारिक और स्केलेबल समाधान बनते हैं जो हर किसान तक पहुंच सकते हैं.
धान कटाई से पहले किसानों को मिली मौसम की जानकारी
सुमन यादव (CVRP) ने बताया इस बार धान की कटाई दिवाली और छठ के समय पड़ रही थी, इसलिए किसान देर से कटाई करने वाले थे. लेकिन सेंटर से मिले मौसम अलर्ट ने हमें आने वाले चक्रवात और बारिश की जानकारी दी. हमने तुरंत किसानों को बताया और उन्होंने समय पर कटाई कर ली, जिससे उनकी पूरी फसल बच गई. स्वप्निल सातिंगे (किसान) ने कहा कि स्मार्ट फार्म सेंटर से मिली सलाह पर मैंने उच्च उपज वाली सोयाबीन किस्म अपनाई और BBF तकनीक से बुवाई की. तकनीकी सुझावों की वजह से मेरी फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों बढ़ीं. फसल की क्वालिटी जांच में अच्छे परिणाम आने से मुझे बाजार में प्रीमियम दाम भी मिला.
1,600 से ज्यादा एफपीओ और 8 लाख से अधिक किसान
फिलहाल, आर्या.एग 1,600 से ज्यादा एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) और 8 लाख से अधिक किसानों के साथ काम कर रहा है. इसका नेटवर्क देश के 60 फीसदी जिलों तक फैला है, जिसमें 12,000 से ज्यादा गोदाम शामिल हैं. हर साल यह नेटवर्क करीब 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का अनाज व्यापार और 1.5 बिलियन डॉलर का कृषि ऋण किसानों और उनके संगठनों तक पहुंचाने में मदद करता है. इन स्मार्ट फार्म सेंटर्स के जरिए आर्या.एग भारत का सबसे व्यापक कृषि इकोसिस्टम बनने की दिशा में और मजबूत कदम बढ़ा रहा है. जहां टेक्नोलॉजी, डेटा और सामुदायिक सहयोग मिलकर किसानों और उनके संगठनों को मजबूत, टिकाऊ और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर ले जा रहे हैं.