Bihar Election Result: जनसुराज के संस्थापक की हालत खराब! JDU की जीत ने दिया झटका, अब सन्यास लेंगे पीके?

Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए गठबंधन की भारी बढ़त ने प्रशांत किशोर की शर्त पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा था कि अगर जेडीयू 25 से अधिक सीटें जीत गईं तो वह राजनीति छोड़ देंगे. लेकिन रुझानों में जेडीयू (NDA) 200 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है. जनसुराज पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और यह एक भी सीट पर आगे नहीं है. अब देखना दिलचस्प होगा कि पीके अपने वादे पर कायम रहेंगे या पलटी मारेंगे.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 14 Nov, 2025 | 04:08 PM

Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए गठबंधन की भारी बढ़त ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है. इस बार नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू और बीजेपी गठबंधन लगभग 200 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं, महागठबंधन और तीसरी ताकत के रूप में उभरने की कोशिश करने वाले प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है.

जनसुराज का संघर्ष और निराशाजनक प्रदर्शन

जनसुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले बिहार में एक बड़ा दावा किया था. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस बार जेडीयू 25 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी और यदि यह दावा गलत साबित हुआ तो वे राजनीति छोड़ देंगे. उनकी यह शर्त सोशल मीडिया और मीडिया रिपोर्ट्स में काफी चर्चा में रही. लेकिन अब सुबह साढ़े रुझानों के अनुसार जेडीयू अपनी कल्पना से तीन गुना अधिक सीटों पर आगे चल रही है.

जेडीयू के अलावा एनडीए की अन्य सहयोगी पार्टियों जैसे बीजेपी, एलजेपी और एचएएम ने भी दमदार प्रदर्शन किया है. इसके चलते जनसुराज न सिर्फ किसी भी सीट पर आगे नहीं है, बल्कि कई जगहों पर यह NOTA (None of the Above) से भी पीछे दिख रही है.

प्रशांत किशोर के बयान और राजनीति छोड़ने की शर्त

चुनाव प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर ने कई टीवी इंटरव्यू और जनसभाओं में यह दावा दोहराया था कि जेडीयू को 25 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी. उन्होंने कहा था, “यदि जेडीयू 25 सीट से अधिक जीत गई, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.” उनका यह दावा अब पूरी तरह गलत साबित हो गया है.

जनसुराज ने 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन शुरुआती रुझान बताते हैं कि पार्टी एक भी सीट पर आगे नहीं है. इस आंकड़े ने प्रशांत किशोर की शर्त को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है.

क्या होंगे प्रशांत किशोर के अगले कदम?

अब सवाल उठता है कि क्या प्रशांत किशोर अपनी बात पर कायम रहेंगे और राजनीति छोड़ देंगे, या फिर किसी नई दलील के सहारे अपने बयान से पलटी मारेंगे. राजनीतिक विशेषज्ञ और जनता दोनों ही इस पर नज़र बनाए हुए हैं. उनके अगले कदम बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकते हैं.

सामाजिक और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रशांत किशोर की यह शर्त अब चर्चा का विषय बन चुकी है. राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि यह घटना भविष्य में चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक दावों की गंभीरता को लेकर सबक के रूप में देखी जाएगी.

बिहार चुनाव के नतीजे न केवल जेडीयू और बीजेपी के लिए बल्कि प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जनसुराज के लिए भी बड़े राजनीतिक संदेश लेकर आए हैं. अब यह देखना बाकी है कि इस बड़े झटके के बाद पीके राजनीति में बने रहेंगे या अपने वादे के अनुसार पीछे हटेंगे.

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