आज कल बाजारों में कई किस्म के फल दिखने को मिलते है. इन्हीं में से कुछ ऐसी किस्म है जिनका नाम आपने पहले कभी नहीं सुना होगा. इनमें से एक है अमरूद. आमतौर पर हम सभी ने सफेद या हल्के गुलाबी अमरूद देखे हैं लेकिन अमरूद की एक किस्म ऐसी भी है जो अपने गहरे काले या बैंगनी रंग की त्वचा और लाल गूदे के कारण देशभर में चर्चा का विषय बना है. यह ब्लैक ग्वावा नाम से भी लोकप्रिय है. इस अमरूद किस्म को बिहार कृषि विश्वविद्यालय और मध्य प्रदेश के SAGE यूनिवर्सिटी भोपाल के कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से विकसित किया गया है. जो अमरूद की खेती में किसानों के लिए काफी लाभकारी फसल साबित हो सकती है.
मध्यम आकार का सदाबहार पौधा
इस अनोखी किस्म का वैज्ञानिक नाम Psidium guajava ‘Nigrum’ है और ब्लैक ग्वावा भी कहा जाता है. यह एक छोटे से मध्यम आकार का सदाबहार पौधा होता है जो लगभग 10 से 15 फीट ऊंचाई तक बढ़ता है. इसके पत्ते चमकीले और गहरे हरे रंग के होते हैं, जो इसे देखने में भी बहुत सुंदर बनाते हैं. इस पेड़ में सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल आते हैं जिनसे हल्की मीठी खुशबू आती है, जिस कारण यह मधुमक्खियों और तितलियों को आकर्षित करते हैं. इस अमरूद की सबसे खास बात इसका गहरा बैंगनी-काला छिलका और लाल गूदा है. वहीं यह फल अगस्त-सितंबर तक पककर तैयार हो जाता है.
एंटी-एजिंग फल भी कहा जाता है
अब बात करें इसके सेहत से जुड़े फायदों की, तो यह अमरूद किसी औषधि से कम नहीं है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, काला अमरूद में मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन C (100 ग्राम में लगभग 250 मि.ग्रा.), विटामिन A और B, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और अन्य कई जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं. यही वजह है कि इसे ‘एंटी-एजिंग’ फल भी कहा जा रहा है. खासतौर पर कब्ज और बवासीर जैसी समस्याओं में यह बहुत लाभकारी है. आयरन और कैल्शियम की अधिक मात्रा होने के कारण यह खून की कमी यानी एनीमिया की समस्या को भी दूर करने में सहायक है.
किसानों के लिए सुनहरा मौका
आज के समय में बाजार में अनोखी और स्वास्थ्यवर्धक फसलों की काफी मांग है. काला अमरूद एक ऐसी ही फसल है जो कम समय में ज्यादा मुनाफा दे सकती है. इसकी अलग पहचान और औषधीय गुणों के कारण यह जल्द ही बाजार में प्रीमियम प्राइस पर बिकता है.