सड़कों पर जल्द दौड़ेंगी ‘भारत टैक्सी’, 8 सहकारिता समितियां 300 करोड़ की लागत से शुरू करेंगी सेवा
देश में 300 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली इस टैक्सी सर्विस के लिए अबतक 4 जिलों से 200 ड्राइवर जोड़े जा चुके हैं. इसके साथ ही सहकारी समितियां अपने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए अन्य सहकारी संगठनों से भी सक्रिय रूप से संपर्क कर रही हैं.
भारत में सहाकरिता क्षेत्र के विस्तार और उसे मजबूती देने के लिए सहकारिता मंत्रालय लगातार सक्रिय है. कुछ ही दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह मे राष्ट्रीय सहाकरिता नीती 2025 को लांच किया है जिसका उद्देश्य देश के हर एक नागरिक को सहकारिता से जोड़ना है. इसी कड़ी में अब साल के आखिर तक सहकारी टैक्सी यानी ‘भारत टैक्सी’ सर्विस की शुरुआत हो जाएगी. इस सर्विस को शुरू करने के लिए मंत्रालय को 300 करोड़ की राशि मिल चुकी है. ये सर्विस सीधे तौर पर ओला और ऊबर जैसी कंपनियों को चुनौती देगी.
8 सहकारी समितियां करेंगी सर्विस की शुरुआत
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार 300 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली इस टैक्सी सर्विस का प्रतिनिधित्व 8 सहाकरी समितियां करेंगी. खास बात ये है कि इसमें सरकार की किसी भी तरह की कोई दखलअंदाजी नहीं होगी. ये सर्विस पूरी तरह से बिना सरकारी हिस्सेदारी के संचालित की जाएगी.
इस योजना को शुरू करने वाले संस्थापक सदस्यों में कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), और राष्ट्रीय लिमिटेड सहकारी निर्यात (एनसीईएल) शामिल हैं. इसके अलावा इन समितियों में बहु-राज्य सहकारी टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ( एनसीडीसी), भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड ( इफको) और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) भी शामिल हैं.
4 जिलों के 200 ड्राइवर जोड़े गए
देश में 300 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली इस टैक्सी सर्विस के लिए अबतक 4 जिलों से 200 ड्राइवर जोड़े जा चुके हैं. एनसीडीसी (NCDC) के अनुसार इस सर्विस को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य ड्राइवरों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करना और यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और किफायती सेवाएं देना है. जानकारी के अनुसार लगभग 200 चालक पहले ही सहकारी समिति में शामिल हो चुके हैं, जिनमें से 50- 50 दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से हैं. इसके साथ ही सहकारी समितियां अपने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए अन्य सहकारी संगठनों से भी सक्रिय रूप से संपर्क कर रही हैं.
दिसंबर तक शुरू हो सकती है टैक्सी सर्विस
विभाग से संबंधित एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्विस के लिए मोबाइल ऐप दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी बताया कि योजना को सुचारू रूप से टैक्सी सर्विस में बदलने के लिए एक प्रौद्योगिकी सलाहकार और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) – बेंगलुरु को शामिल किया गया है. यानी कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर के आखिर तक जनता के लिए भारत टैक्सी की शुरुआत कर दी जाएगी.