सभी राज्य सहकारिता के विकास की दिशा में करेंगे काम, सहकारी आंदोलन की नींव होगी मजबूत

नई सहकारिता नीति 2025 के तहत सहकारी समितियों पर टैक्स का बोझ कम किया जाएगा, ताकि उन्हें कंपनियों जैसी सुविधाएं और प्रोत्साहन मिल सके.

नोएडा | Updated On: 4 Aug, 2025 | 09:58 AM

देश में सहाकरिता क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 को लांच किया गया है. इस नीति को छह प्रमुख स्तंभों, 16 उद्देश्यों और 82 ठोस कार्यनीतियों पर आधारित रूप में अगले दस सालों में लागू किया जाएगा. इन 6 प्रमुख स्तंभों में से पहला स्तंभ है ‘सहकारी आंदोलन की नींव का सशक्तीकरण करना’. यानी देश के हर एक व्यक्ति तक सहकारिता को पहुंचाना ताकि इस क्षेत्र का विस्तार हो सके. नई सहाकरिता नीती की मदद से सरकार का उद्देश्य सहकारी समितियों को गांव-गाव तक पहुंचाना है ताकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाला हर एक इंसान मजबूत हो सके.

राज्यों के कानून में होगा सुधार

नई सहकारिता नीति की मदद से राज्यों में कानून व्यवस्था को सुधारा जा सकेगा , ताकि किसी भी काम को करने के लिए सहाकरी समितियों को काम करने की बेहतर और अच्छी प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके. इन सहाकरि समितियों की मदद से सहकारिता से जुड़ी सभी सेवाएं लोगों तक पूरी पार्दर्शिता के साथ पहुंचाई जा सकेगी. इसके साथ ही चुनाव निष्पक्ष होंगे, नौकरियों में भरतियां साफ-सुथरे तरीके से होंगी और लोगों के हितों में फैसले आंकड़ों के आधार पर लिया जाएगा. नई सहकारिता नीति  का उद्देश्य सहकारी समितियों के अच्छे प्रबंधन को बढ़ावा देना है.

कार्यप्रणाली होगी डिजिटल

सहाकरिता मंत्रालय द्वारा लांच की गई राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 की मदद से प्रदेश स्तर पर सभी सरकारी कार्यालयों में काम करने की प्रक्रिया को पेपर लेस यानी बिना कागज के डिजिटल रूप से करने की ओर काम किया जाएगा. ऐसा होने से काम में तेजी आएगी और आसानी भी होगी. इस नीति के माध्यम से राज्यों को नई या बेहतर सहकारिता नीति बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा साथी ही देश और विदेश की अच्छी सहकारी प्रक्रियाओं को अपनाने में भी मदद मिलेगी.

सहकारी आंदोलन की नींव होगी मजबूत

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) के अनुसार सहकारी आंदोलन की मजबूत नींव रखने में नई सहकारिता नीति अहम भूमिका निभाएगा. सहकारी समितियों और रजिस्ट्रारों के बीच बातचीत अब डिजिटल माध्यमों से होगी, जिनमें पोर्टल, ईमेल और मोबाइल मैसेज शामिल हैं. इसके साथ ही हर राज्य अपना खुद का एक डेटाबेस तैयार करेगा जिसे राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस (NCD) से तुरंत जोड़ा जाएगा. बता दें कि, जो सहकारी समितियाँ कमजोर हैं, उन्हें फिर से सक्रिय करने के लिए राज्यों को जरूरी व्यवस्था बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

समितियों पर टैक्स को बोझ होगा कम

नई सहकारिता नीति 2025 के तहत सहकारी समितियों पर टैक्स का बोझ कम किया जाएगा, ताकि उन्हें कंपनियों जैसी सुविधाएं और प्रोत्साहन मिल सके. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं को मिलाकर, सहकारी समितियों में एकीकृत सरकारी दृष्टिकोण लागू किया जाएगा. इसके अलावा सहकारिता के अंदर आने वाली सभी पैक्स (PACS) को सरकारी योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिससे सहाकरिता क्षेत्र में उनकी भागीदारी मजबूत होगी और उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए इनाम भी दिया जाएगा.

Published: 4 Aug, 2025 | 06:45 AM