यूपी में गंगा-यमुना उफनाने से 12 जिलों के सैकड़ों गांव जलमग्न.. हजारों एकड़ में फसलें डूबीं

प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सीएम योगी ने राहत और बचाव कार्यो को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिये मंत्रियों की विशेष टीम इलेवन का गठन किया है, जो बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में राहत कार्यो की निगरानी करेगी.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 3 Aug, 2025 | 01:46 PM

उत्तर प्रदेश में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से कई जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. हालत ये है कि प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. वहीं वाराणसी, गाजीपुर और मिर्जापुर में गंगा नदी खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रही हैं. राज्य के 12 जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं और यहां हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसलें डूब गई हैं.

मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों की विशेष टीम इलेवन का गठन किया है. ये विशेष टीम इलेवन बाढ़ प्रभावित 12 जनपदों में राहत कार्यो की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कोई भी पीड़ित सहायता से वंचित न रह जाये. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वाराणसी में कमिश्नर एस. राजलिंगम और जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार के साथ बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यो की समीक्षा की.

बाढ़ की चपेट में सैकड़ों गांव

प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बीच कई जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, वहीं वाराणसी, गाजीपुर और मिर्जापुर में गंगा नदी खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रही है. इसके अलावा बांदा में भी यमुना खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है, जबकि केन नदी खतरे के निशान से केवल 2 मीटर नीचे है. इन जिलों में नदियों के आसपास रहने वाले लोग अपने घरों को छोड़ सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हैं. नदियों में लगातार बढ़ रहे जल स्तर से 2 दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बता दें कि, कौशांबी में भी यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गंगा-युमना समेत अन्य नदियों के उफनाने से राज्य के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और फसलें पानी में डूब गई हैं.

सीएम योगी ने बनाई टीम इलेवन

प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सीएम योगी ने राहत और बचाव कार्यो को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिये मंत्रियों की विशेष टीम इलेवन का गठन किया है, जो बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में राहत कार्यो की निगरानी करेगी और ये सुनिश्चित करेंगी कि कोई भी पीड़ित सहायता से वंचित न रह जाए. इसी बीच अपने वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भी वाराणसी में में कमिश्नर एस. राजलिंगम और जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार के साथ बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यो की समीक्षा की. पीएम ने अधिकारियों को सख्त आदेश दिए कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य जल्द से जल्द किया जाए और कोई कमी न रहे.

अधिकारियों को निगरानी करने का आदेश

सीएम योगी ने साफ तौर पर कहा कि इस मुश्किल और संवेदनशील समय में प्रदेश सरकार हर नागरिक की सुरक्षा, भोजन, आवास और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी पूरी प्रतिबद्धता से निभाएगी. इसके साथ ही उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए दो टूक कहा कि राहत कार्यों में किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम योगी ने ये भी निर्देश दिया है कि सभी प्रभारी मंत्री तत्काल अपने-अपने जिलों का दौरा करें, राहत शिविरों का निरीक्षण करें और प्रभावित परिवारों से सीधे बातचीत कर उनकी परेशानी को समझ कर उसकी समीक्षा करें. इसके साथ ही सीएम ने संबंधित विभागों के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को 24*7 निगरानी करने को कहा है ताकि लोगों की जरूरतों का ध्यान रखा जा सके. खास तौर पर महिलाओं और बच्चों को किसी तरह की समस्या न हो

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 3 Aug, 2025 | 12:52 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.