खाद आपूर्ति में चीन की चाल को भारत ने दी मात.. डीएपी की नहीं रहेगी कमी, खाड़ी देश के साथ करार
भारत ने सउदी अरब के साथ लंबे समय के लिए खाद आपूर्ति का समझौता कर लिया है. इससे भारत में डीएपी या दूसरी खाद की कमी की आशंका भी खत्म हो गई है.
खाद की आपूर्ति के लिए धोखा देने वाले चीन को भारत ने कड़ा सबक सिखाते हुए आपूर्ति का नया रास्ता खोज लिया है. बीते माह चीन ने भारत आने वाली स्पेशल फर्टिलाइजर के शिपमेंट को रोक दिया था. जानकारों का कहना है कि चीन की नीयत थी कि भारत में खरीफ सीजन के लिए जरूरी डीएपी समेत अन्य खाद की कमी हो जाए और भारत में खाद्य संकट खड़ा किया जा सके. लेकिन अब भारत ने सउदी अरब के साथ लंबे समय के लिए खाद आपूर्ति का समझौता कर लिया है. इससे भारत में डीएपी या दूसरी खाद की कमी की आशंका भी खत्म हो गई है.
डीएपी खाद आपूर्ति पर भारत-सऊदी का दीर्घकालिक समझौता
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा सऊदी अरब के दौरे पर हैं. अपनी यात्रा के आज आखिरी दिन उन्होंने सऊदी अरब के साथ भारतीय कंपनियों के बीच डीएपी उर्वरक की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए. जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि रियाद में उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्री, महामहिम बांदर बिन इब्राहिम अल खोरायफ के साथ बैठक हुई. इस दौरान उर्वरक, पेट्रोकेमिकल्स और फार्मा सेक्टर में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई और दोनों देशों की कंपनियों के साथ समझौता हुआ है.
सउदी की मादेन कृभको समेत इन कंपनियों को देगी डीएपी
उर्वरक आपूर्ति के लिए भारतीय कंपनी कृभको, आईपीएल (Indian Potash Limited) और सीआईएल (CIL) और सउदी अरब की कंपनी मादेन के साथ समझौता हुआ है. सउदी कंपनी मादेन भारतीय कंपनियों को वित्त वर्ष 2025-26 तक सालाना 3.1 मिलियन मीट्रिक टन डीएपी आपूर्ति करेगी. रिपोर्ट के अनुसार अगले कई सालों तक यह खाद आपूर्ति समझौता जारी रहेगा.
खाद उपलब्धता में मजबूती आएगी
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि भारतीय और सउदी कंपनी के बीच समझौता भारत की उर्वरक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है. बता दें कि वर्तमान में खरीफ सीजन के लिए देशभर में धान, मक्का, ज्वार-बाजरा समेत अन्य फसलों की बुवाई तेजी से चल रही है. ऐसे में किसानों को बड़े पैमाने पर डीएपी खाद की जरूरत है. कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि किसानों को खाद पाने में दिक्कत हो रही है.
Held a productive meeting with H.E. Mr. Bandar bin Ibrahim Al Khorayef, Minister of Industry & Mineral Resources, in Riyadh. Discussed deepening collaboration in fertilizers, petrochemicals & pharma. Also witnessed signing of long-term DAP supply agreements between Maaden &… pic.twitter.com/XvHkCwc92t
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) July 13, 2025
चीन ने जरूरत के समय दिया था धोखा
डीएपी खाद बनाने के लिए स्पेशल फर्टिलाइजर फॉस्फेट की जरूरत होती है. भारत चीन से यह स्पेशल फर्टिलाइल फॉस्फेट मंगाता है. लेकिन, चीन ने जून में खरीफ सीजन की शुरुआत में जब भारत को स्पेशल खाद की जरूरत थी तभी शिपमेंट भारत आने से रोक दिए थे. जानकारों ने बताया कि चीन की मंशा थी कि भारत में डीएपी की कमी हो जाए, जिससे फसलों की उपज घट जाए. उन्होंने कहा कि चीन भारत में खाद्य संकट पैदा करने की नापाक हरकत कर रहा था, जो कभी कामयाब नहीं होगी.