30315 एकड़ फसल जलमग्न, पानी निकालने के लिए लगाए गए 1452 पंप.. किसानों को मिलेगा मुआवजा
नूंह जिले में 53 गांवों की 4,105 एकड़ जमीन पानी में डूबी हुई है. मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि वहां पानी निकालने के लिए 29 डीजल पंप सेट, 23 इलेक्ट्रिक पंप सेट, 10 वर्टिकल पंप सेट और जेसीबी/पोखलैंड मशीनें लगाई गई हैं.
हरियाणा में इस साल बारिश से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. सिंचाई और जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने विधानसभा में कहा है कि 21 अगस्त तक हरियाणा में 30,315 एकड़ कृषि जमीन पानी में डूबी हुई थी. ऐसे में जमे हुए पानी को निकालने के लिए 1,452 पंप लगाए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 7,684 क्यूसेक है. उन्होंने कहा कि पानी पूरी तरह से निकलने की उम्मीद 31 अगस्त तक है. मंत्री के मुताबिक, फसल नुकसान की मार झेलने वाले किसानों को मुआवजा मिलेगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, INLD विधायक अर्जुन चौटाला के सवाल के का जवाब देते हुए मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद के लिए ‘ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल’ 31 अगस्त 2025 तक खोलने का फैसला लिया है. इसके जरिए किसान अपनी फसल नुकसान की जानकारी दर्ज कर सकते हैं. यह सुविधा 7 जिलों हिसार, भिवानी, रोहतक, पलवल, चरखी दादरी, रेवाड़ी और सिरसा की 188 गांवों के लिए है, जहां हाल ही में बाढ़, खड़े पानी और भारी बारिश से फसलें खराब हुई हैं.
नियमों के अनुसार मिलेगा मुआवजा
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी विशेष गिरदावरी के जरिए दावों की जांच करेंगे और तय नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. जिलावार जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि रोहतक जिले के 71 गांवों में 9,724 एकड़ जमीन पानी में डूबी है, जहां पानी की गहराई 0.6 से 2 फीट तक है, वहां 977 क्यूसेक क्षमता वाले करीब 250 पंप लगाए गए हैं.
1,187 क्यूसेक क्षमता वाले 218 पंप लगाए गए
भिवानी जिले में 31 गांवों की 9,425 एकड़ जमीन पानी में डूबी थी. मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि 21 अगस्त तक इनमें से 27 गांवों की 3,965 एकड़ जमीन अब भी 1 से 2.5 फीट गहरे पानी में है. पानी निकालने के लिए वहां 1,187 क्यूसेक क्षमता वाले 218 पंप लगाए गए हैं और उम्मीद है कि 30 अगस्त तक यह इलाका साफ हो जाएगा. हिसार जिले के बारे में उन्होंने कहा कि इस मॉनसून में वहां 265.4 मिमी बारिश हुई, जो औसत से 21 फीसदी ज्यादा है. इसके कारण 34 गांवों की लगभग 2,032 एकड़ जमीन पानी में डूब गई. अगस्त 2025 में रुक-रुक कर भारी बारिश होने से हालात और बिगड़ गए. प्रभावित इलाकों में पानी निकालने के लिए 79 पंपिंग यूनिट लगाई गई हैं.
कहां कितनी हुई बारिश
नूंह जिले में 53 गांवों की 4,105 एकड़ जमीन पानी में डूबी हुई है. मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि वहां पानी निकालने के लिए 29 डीजल पंप सेट, 23 इलेक्ट्रिक पंप सेट, 10 वर्टिकल पंप सेट और जेसीबी/पोखलैंड मशीनें लगाई गई हैं. हालांकि, नूंह के विधायक आफताब अहमद ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मंत्री का जवाब हकीकत से काफी दूर है. नूंह में लगभग 7,000 एकड़ क्षेत्र पानी में डूबा हुआ है और पानी निकालने के लिए कोई खास प्रयास नहीं हो रहा है. सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है. बारिश के आंकड़ों पर मंत्री ने कहा कि 1 जून से अब तक राज्य में औसतन 342.8 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य 311.2 मिमी से 10 फीसदी ज्यादा है.. सबसे ज्यादा बारिश महेंद्रगढ़ में 89 फीसदी ज्यादा और झज्जर में 70 फीसदी रिकॉर्ड की गई.