प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 24 नवंबर से खास मुहिम, पांच सिद्धांतों की दी जाएगी जानकारी
आंध्र प्रदेश 24 से 29 नवंबर तक ‘रैतन्ना फॉर यू’ मुहिम चलाकर किसानों में प्राकृतिक खेती, एग्रीटेक और फूड प्रोसेसिंग की जागरूकता बढ़ाएगा. अधिकारी घर-घर जाकर वैज्ञानिक खेती के फायदे बताएंगे.. प्रमाणित नैचुरल उत्पादों की बढ़ती मांग और सरकारी समर्थन से किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.
Natural Farming: आंध्र प्रदेश सरकार 24 नवंबर से ‘रैतन्ना फॉर यू’ नाम की एक हफ्ते की खास मुहिम शुरू करने जा रही है. इसका मकसद खेती को ज्यादा फायदेमंद और टिकाऊ बनाना है. इस अभियान में सरकार सभी किसानों तक खेती के पांच सिद्धांत- जल सुरक्षा, मांग के अनुसार फसल, एग्रीटेक, फूड प्रोसेसिंग और सरकारी सहयोग की जानकारी पहुंचाएगी. यानी 24 से 29 नवंबर तक जनप्रतिनिधि और अधिकारी हर किसान के घर जाकर जागरूकता फैलाएंगे. 3 दिसंबर को सभी रायतु सेवा केंद्रों में वर्कशॉप भी होंगी, जहां कृषि, सहायक विभागों और मार्केटिंग टीम के अधिकारी किसानों को आधुनिक खेती और सरकारी योजनाओं के बारे में समझाएंगे.
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी 10,000 से ज्यादा अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और कहा कि इन पांच सिद्धांतों की जानकारी हर किसान तक पहुंचना बहुत जरूरी है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सिर्फ किसानों ही नहीं, बल्कि उनके परिवारों और डेयरी, पोल्ट्री, भेड़ पालन, मत्स्य पालन, बागवानी और रेशम उद्योग से जुड़े लोगों को भी पूरी जानकारी दी जाए और उन्हें सक्रिय रूप से जोड़ा जाए.
प्राकृतिक खेती से किसानों को होगा फायदा
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती और एग्रीटेक को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. वैज्ञानिक खेती के फायदे- जैसे फसलों की गुणवत्ता बढ़ना और बेहतर आमदनी लोगों तक साफ तरीके से पहुंचाने पर जोर दिया गया. अधिकारियों से कहा गया कि वे घर-घर जाकर समझाएं कि प्राकृतिक खेती कैसे मिट्टी की सेहत सुधारती है और लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर डालती है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रमाणित और ट्रेस करने योग्य प्राकृतिक उत्पाद अब रैतू बाजारों और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
दो किस्तों में कुल 14,000 रुपये दिए
मुख्यमंत्री ने साझा किया कि पिछले 17 महीनों में सरकार ने अन्नदाता सुखीभाव और पीएम-किसान योजनाओं के तहत 46.5 लाख किसानों को दो किस्तों में कुल 14,000 रुपये दिए हैं, जिसकी राशि 6,310 करोड़ रुपये होती है. उन्होंने ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने, खेती की लागत कम करने और GrowMore केंद्रों से सस्ते खाद उपलब्ध कराने पर जोर दिया. साथ ही, कृषि उत्पादों का मूल्य बढ़ाने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना की आवश्यकता बताई और अधिकारियों से कहा कि वे सीधे किसानों की जरूरतें समझें. बता दें कि राज्य सरकार ही नहीं केंद्र सरकार भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. हाल ही पीएम मोदी ने लोगों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपली की है, ताकि मिट्टी की सेहत में सुधार आ सके.