बांस की खेती से होगी बंपर कमाई, कई जिलों में बनेगा बांस औद्योगिक पार्क.. सरकार ला रही है योजना

ओडिशा में बांस उद्योग  की बड़ी क्षमता है, लेकिन नीति न होने की वजह से यह सेक्टर अभी भी असंगठित है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार, रिकॉर्डेड फॉरेस्ट एरिया (RFA) में बांस की संख्या के मामले में ओडिशा देश में चौथे नंबर पर है.

नोएडा | Published: 3 Dec, 2025 | 11:38 AM

Bamboo cultivation: ओडिशा के किसानों के लिए खुशखबरी है. अब यहां के किसान बांस की खेती से बंपर कमाई कर पाएंगे. क्योंकि ओडिशा सरकार बांस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई नीति और ब्रांड लाने की योजना बना रही है. इसका मकसद लोगों को स्थायी आजीविका देना और इस सेक्टर में ज्यादा रोजगार पैदा करना है. यह नीति महाराष्ट्र की Bamboo Industry Policy-2025 के अनुरूप होगी, जो घरेलू मांग पूरी करने और निर्यात के अवसर बढ़ाने पर ध्यान देती है.

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ओडिशा बांस विकास एजेंसी (OBDA) ने इस नीति तैयार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन INBAR और केरल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट (KFRI) के साथ साझेदारी की है. KFRI राज्य में उगाई जाने वाली उपयुक्त बांस की प्रजातियों  का अध्ययन करेगा, ताकि किसानों को मदद मिल सके. साथ ही, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन (NID), अहमदाबाद की मदद से बांस के कारीगर बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद तैयार कर सकेंगे, जिससे उन्हें ज्यादा लाभ मिलेगा.

इन जिलों में बनेगा औद्योगिक पार्क

द  न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, OBDA ने ‘Odisha Bamboo’ नामक राज्य का अपना बांस ब्रांड बनाने का प्रस्ताव रखा है, जो किसानों और कारीगरों दोनों का समर्थन करेगा. नीति के तहत, OBDA ने मयूरभंज, कोरापुट, केन्द्रीय, रायगढ़ और सुंदरगढ़ में हाई-टेक बांस औद्योगिक पार्क  बनाने का प्रस्ताव रखा है. इन पार्कों में बांस से फर्नीचर, लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल, फैब्रिक और अन्य निर्माण व औद्योगिक वस्तुएं बनाई जाएंगी. साथ ही ‘ओडिशा इंस्टीट्यूट ऑफ बांस टेक्नोलॉजी’ बनाने की योजना है, ताकि इस सेक्टर में कौशल विकास हो और ‘बांस स्टार्टअप फंड’ के तहत 100 करोड़ रुपए की राशि से स्टार्टअप्स को सपोर्ट दिया जा सके.

बांस उत्पादन घर, शिल्प, ऊर्जा और उद्योगों में मदद करेगा

अधिकारियों के मुताबिक, ओडिशा में बांस उद्योग  की बड़ी क्षमता है, लेकिन नीति न होने की वजह से यह सेक्टर अभी भी असंगठित है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार, रिकॉर्डेड फॉरेस्ट एरिया (RFA) में बांस की संख्या के मामले में ओडिशा देश में चौथे नंबर पर है, लेकिन RFA के बाहर बांस की उपलब्धता में यह दसवें नंबर पर है. OBDA के स्टेट मिशन डायरेक्टर वी. कार्तिक का कहना है कि ओडिशा को बांस नीति की जरूरत है, क्योंकि यह राज्य के लिए आजीविका बढ़ाने में रणनीतिक संसाधन बन सकती है. बढ़ती मांग को देखते हुए बांस उत्पादन घर, शिल्प, ऊर्जा और उद्योगों में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि बांस उत्पादन बढ़ाने से राज्य में जलवायु प्रतिरोधक क्षमता और ग्रीन इकॉनमी को भी बढ़ावा मिलेगा.

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