महाराष्‍ट्र की ‘बनाना सिटी’ में केले के किसान मनमाने भुगतान से झेल रहे घाटा!

जलगांव के रावेर, चोपडा, जामनेर, गिरना पट्टा, जलगांव के वो इलाके हैं जहां पर केले की खेती सबसे ज्‍यादा होती है.इन गांवों में केले की खेती मुख्‍य फसल है. ऐसे में किसान ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में इन्‍हें उगाते हैं.

Kisan India
Noida | Updated On: 22 Mar, 2025 | 02:42 PM

महाराष्‍ट्र के जलगांव में केले की खेती करने वाले किसान खासे परेशान हैं. किसानों और केला उत्‍पादकों का कहना है कि उन्‍हें खेती में कई तरह के संकटों का सामना करना पड़ता है. इसके बाद भी उन्‍हें वह कीमत नहीं मिलती जो लिस्‍ट में होती है या फिर जो बाजार समितियों की तरफ से घोषित की जाती है. ऐसे में उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. जलगांव के रावेर, चोपडा, जामनेर, गिरना पट्टा, जलगांव के वो इलाके हैं जहां पर केले की खेती सबसे ज्‍यादा होती है.

व्‍यापारी देते 800 रुपये कम कीमत

वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट के अनुसार इन गांवों में केले की खेती मुख्‍य फसल है. ऐसे में किसान ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में इन्‍हें उगाते हैं. बाजार समिति की तरफ से एक क्विंटल केले की कीमत 1600 से 1800 रुपये तक की गई है. लेकिन व्‍यापारी सीधे या फिर थोक में केला खरीद रहे हैं. इसके लिए वो प्रति किलो 1000 रुपये से 1400 रुपये की कीमत अदा कर रहे हैं. ऐसे में घोषित कीमत की तुलना में इस मूल्‍य में 700 से 800 रुपये का अंतर रहता है. किसान अक्‍सर शिकायत करते हैं कि व्‍यापारी उनका शोषण कर रहे हैं और बाजार समिति इस तरफ जरा भी ध्‍यान नहीं दे रही है.

किसानों की मांग, बंद हो आर्थिक ठगी

किसानों की मानें तो वो दिन रात अपनी फसल के लिए काम करते हैं. कभी-कभी तूफान तो कभी बहुत ज्‍यादा गर्मी से फसल चौपट हो जाती है. पौधा लगाने से लेकर फल की कटाई तक में उन्‍हें काफी खर्च भी करना पड़ता है. केले की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि जब भुगतान की बात आती है तो खरीददार मनमाने ढंग से उन्‍हें कम पेमेंट करके चले जाते हैं. किसानों को उम्‍मीद है कि कृषि उत्‍पादन बाजार समिति यानी एपीएमसी के साथ-साथ खरीद और सेल टीम इस तरफ ध्यान देंगी और ट्रेडर्स के खिलाफ एक्‍शन लेंगी. उन्‍होंने उम्‍मीद जताई है कि समिति यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को आर्थिक तौर पर ठगा न जा सके.

जलगांव में होता सबसे ज्‍यादा केला

केले की फसल सीएमवी और कारपा बीमारी के लिए बेहद संवेदनशील होती है. उत्‍पादन की लागत बढ़ गई है लेकिन बाजार समिति की तरफ से जो कीमत घोषित की गई है, वह प्रति केला भी बहुत कम है. किसानों का कहना है कि उन्‍हें लूटने की जो प्रथा चल रही है, वह जल्‍द से जल्‍द बंद होनी चाहिए. महाराष्‍ट्र, भारत में एक महत्वपूर्ण केला उत्पादक राज्य है. यहां के जलगांव जिला को ‘बनाना सिटी’ के तौर पर जाना जाता है. जलगांव एक प्रमुख उत्पादक शहर है जो न केवल राज्‍य बल्कि देश के केला उत्पादन में एक बड़ा योगदान देता है.

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Published: 22 Mar, 2025 | 02:42 PM

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