पूरे देश में तुर्की का बॉयकॉट, राकेश टिकैत भी उतरे मैदान में.. सेब आयात पर बैन की मांग

देश में हर साल करीब 25 लाख टन सेब की खपत होती है. इसमें से 12.43 फीसदी सेब विदेशों से भी आयात किए जाते हैं. इन देशों में ईरान और तुर्की प्रमुख सप्लायर हैं.

नोएडा | Updated On: 14 May, 2025 | 09:53 PM

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का साथ देने से तुर्की का पूरे देश में विरोध शुरू हो गया है. आम जनता से लेकर व्यापारी वर्ग तक  उसके विरोध में उतर आए हैं. लोगों ने तुर्की से आयातित सामानों का बहिष्कार करने का फैसला किया है. लेकिन सबसे ज्यादा विरोध तुर्की से आने वाले सेब का हो रहा है. किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार से तुर्की से आयातित सेब पर बैन लगाने की मांग की है. वहीं, साहिबाबाद फल मंडी के फल व्यापारियों ने तुर्की से सेब और अन्य उत्पादों के आयात का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

साहिबाबाद फल मंडी के एक फल व्यापारी ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के दौरान तुर्की ने खुलकर पाक की मदद की. उसने पाकिस्तान को ड्रोन सहित कई खतरनाक हथियारों की स्पलाई की, जिसका इस्तेमाल उसने भारत के ऊपर किया. लेकिन हमारे जाबाज सेना के जवानों ने उसे हवा में तिनके की तरह उड़ा दिया. ऐसे में पाकिस्तान का साथ देने वाला देश तुर्की हमारा दोस्त नहीं हो सकता है. इसलिए तुर्की से आने वाले फलों का भी बहिष्कार किया जाना चाहिए.

तुर्की से इतने करोड़ का कारोबार

व्यापारी ने कहा है कि तुर्की के साथ हमारा करीब 1200 से 1400 करोड़ रुपये का कारोबार है. लेकिन उसने पाकिस्तान का साथ देकर यह दर्शा दिया कि तुर्की भी आतंकवाद का समर्थक है. इसिलए हम लोगों ने तुर्की से अपने व्यापारिक संबंध खत्म करने का फैसला लिया है. एक अन्य व्यापारी ने कहा कि तुर्की से करीब 1000 करोड़ रुपये के उत्पाद आयात किए जाते हैं. हम लोगों ने सभी उत्पादों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

12.43 फीसदी सेब का आयात

वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को तुर्की से आयात और निर्यात पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, क्योंकि इसने पाकिस्तान को हथियार की सप्लाई की है. राकेश टिकैट ने कहा कि तुर्की से बड़े स्तर पर सेब का आयात होता है. इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के किसानों को नुकसान होता है. इसलिए केंद्र सरकार को देश हित में फैसला लेते हुए तुर्की से सभी तरह के व्यापार समझौत रद्द कर देना चाहिए.

एक आकड़े के मुताबिक, देश में हर साल करीब 25 लाख टन सेब की खपत होती है. इसमें से 12.43 फीसदी सेब विदेशों से भी आयात किए जाते हैं. इन देशों में ईरान और तुर्की प्रमुख सप्लायर हैं. अगर सरकार आयात को रोकती है, तो देश के सेब किसानों को सीधा फायदा मिलेगा. खास कर हिमाचल प्रदेश के किसानों को ज्यादा फायदा होगा. यहां पर करीब 2.25 लाख बागवानी परिवार और 4 लाख लोग सेब की खेती से जुड़े हैं.

देश का सबसे बड़ा सेब उत्पादक राज्य

ऐसे हिमाचल प्रदेश में सालाना तीन से चार करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. हिमाचल के अलावा दूसरा सबसे बड़ा सेब उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर है. साथ ही उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में भी किसान सेब की खेती करते हैं. लेकिन तुर्की से ऑफ सीजन में आयात होता है. यहां से आने वाले सेब सस्ते होते हैं. इससे देश के सेब उत्पादक किसानों को नुकसान होता है.

हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादन के आंकड़े

वर्ष सेब उत्पादन (पेटियों में)
2007 2.96 करोड़
2008 2.55 करोड़
2009 1.4 करोड़
2010 4.46 करोड़
2011 1.38 करोड़
2024 2.09 करोड़
Published: 14 May, 2025 | 05:28 PM