अब ‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना’ के नाम से जानी जाएगी ये सरकारी स्कीम, सरकार का बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की कि राज्य में चल रही प्राकृतिक खेती योजना का नाम अब राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों में जालीदार फेंसिंग लगाने की एक नई योजना शुरू की जाएगी.

नोएडा | Updated On: 26 Aug, 2025 | 02:45 PM

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की कि राज्य में चल रही प्राकृतिक खेती योजना का नाम अब राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में वन महोत्सव के जरिए राज्य में 35,240 पौधे लगाए गए हैं. इस आयोजन पर कुल 17.87 लाख रुपये खर्च किए गए. सीएम ने कहा है कि सरकार की यही कोशिश है कि किसानों की आमदनी किसी तरह से बढ़े. इसके लिए राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.

साथ ही सीएम ने कहा है कि उनकी सरकार उन राज्यों के मुआवजा सिस्टम का अध्ययन करेगी, जहां जंगली जानवरों से फसलों और पौधों को हुए नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है. दरअसल, विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल केवल मानव चोट के मामलों में ही मुआवजे का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों में जालीदार फेंसिंग लगाने की एक नई योजना शुरू की जाएगी

विधायक निधि में हो सकती है कटौती

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा दे रही है और 2027 तक हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती में अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा. झंडुता के विधायक जेआर कटवाल द्वारा राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत और प्रभावी नीति बनाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सरकार इसके लिए विधायक निधि में कटौती करने से भी पीछे नहीं हटेगी.

पैसा सीधे किसानों के हाथों में जा रहा है

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की कि राज्य में चल रही प्राकृतिक खेती योजना का नाम अब राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों में जालीदार फेंसिंग लगाने की एक नई योजना शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदम अब असर दिखा रहे हैं और अब पैसा सीधे किसानों के हाथों में जा रहा है.

38,437 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती

इससे पहले, कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 38,437 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है. इसके अलावा, सरकार प्राकृतिक खेती को बड़े बाजारों से जोड़ने पर भी काम कर रही है ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके. वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ साउंड और लाइटिंग सिस्टम पर दी जा रही सब्सिडी किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि ये उपकरण जंगली जानवरों को भगाने में मदद करते हैं.

35,240 पौधे लगाए गए हैं

जसवां-प्रागपुर के विधायक बिक्रम ठाकुर के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में वन महोत्सव के जरिए राज्य में 35,240 पौधे लगाए गए हैं.  इस आयोजन पर कुल 17.87 लाख रुपये खर्च किए गए, जिनमें से 14.92 लाख रुपये पौधारोपण पर खर्च हुए. उन्होंने कहा कि इन पौधों की जीवित रहने की दर 60 फीसदी से 100 फीसदी के बीच है और इन्हें लगाने के बाद संबंधित क्षेत्रीय स्टाफ इनके विकास की निगरानी करता है. वहीं, नाहन के विधायक अजय सोलंकी के सवाल पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में वन संरक्षण अधिनियम (FCA) और वन अधिकार अधिनियम (FRA) से जुड़े मामलों का निपटारा तेजी से किया जाएगा, ताकि विकास कार्यों में आ रही रुकावटें दूर की जा सकें.

 

Published: 26 Aug, 2025 | 01:56 PM

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