गन्ना किसानों की बढ़ेगी कमाई, FRP के दायरे में रहेंगी खांडसारी चीनी यूनिटें

खांडसारी बनाने वाली चीनी यूनिटें भी एफआरपी के दायरे में आएंगी. गन्ना किसानों की इससे सही दाम मिलना पक्का हो सकेगा और उनकी कमाई बढ़ेगी.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 1 May, 2025 | 05:03 PM

गन्ने के रस से बनाई जाने वाली कम रिफाइन चीनी यानी खांडसारी को लेकर केंद्र का बड़ा फैसला आया है. ताजा निर्देशों में कहा गया है कि अब खांडसारी बनाने वाली चीनी यूनिटें भी एफआरपी के दायरे में आएंगी. इसका मतलब है कि अब ये चीनी यूनिटें गन्ना किसानों को एफआरपी का भुगतान करेंगी. इसके लिए केंद्र ने शुगर कंट्रोल ऑर्डर 2025 में संशोधन किया है.

खांडसारी चीनी यूनिट को रेगुलेट करेगी सरकार

सरकार गन्ना किसानों के लिए एफआरपी सुनिश्चित करने के लिए चीनी नियंत्रण आदेश के तहत खांडसारी चीनी यूनिटों को रेगुलेट करेगी. सरकार ने गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा है कि गन्ना किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने और चीनी उत्पादन का सटीक अनुमान लगाने में मदद करने के लिए खांडसारी प्रोड्यूसर्स को अब शुगर कंट्रोल ऑर्डर 2025 के तहत रेगुलेट किया जाएगा.

500 टन पेराई क्षमता वाली यूनिट दायरे में होंगी

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खांडसारी यूनिटों को एफआरपी के दायरे में लाने का संशोधित आदेश आज या कल राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा. केंद्रीय निर्देशों के अनुसार 1966 के शुगर कंट्रोल ऑर्डर में संशोधन करके 500 टन प्रतिदिन पेराई क्षमता (टीसीडी) वाले खांडसारी चीनी निर्माताओं के रेगुलेशन को शामिल किया गया है.

केंद्र ने अच्छा फैसला किया है – बीकेयू नेता

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने गन्ने के दाम में बढ़ोत्तरी के बाद खांडसारी यूनिटों को एफआरपी दायरे में लाने के आदेश की सराहना की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने शुगर कंट्रोल ऑर्डर में बदलाव कर दिया है ताकि सभी किसानों को सही दाम मिल सके. नए शुगर कंट्रोल ऑर्डर-2025 के तहत खांडसारी को भी शामिल किया गया है, जिससे खांडसारी बनाने वाली यूनिटों को भी किसानों को एफआरपी यानी उचित और लाभकारी मूल्य देना होगा.

खांडसारी यूनिटें गन्ना किसानों का शोषण नहीं कर पाएंगी

किसान नेता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि अब बहुत सारे लोगों ने सामान्य चीनी का इस्तेमाल करना बंद करके देसी खांड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिससे खांडसारी बनाने वाली यूनिटों का विस्तार हो रहा है. लेकिन अभी तक ऐसी यूनिटें चीनी मिलों की तरह शुगर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल नहीं थीं, जिसकी वजह से इसके मालिक गन्ना किसानों को एफआरपी नहीं देते थे. यूनिट मालिक कम दाम में किसानों से गन्ना खरीदते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा.

केंद्र ने बढ़ाया है गन्ने का एफआरपी 15 रुपये

केंद्रीय कैबिनेट ने बीते दिन आगामी अक्टूबर से शुरू होने वाले चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का एफआरपी रेट 15 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है. यानी गन्ने का भाव 355 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. मौजूदा 2024-25 सीजन में एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल है. इसके साथ ही रिकवरी में 10.25 फीसदी से ऊपर प्रत्येक 0.1 प्रतिशत अंक की वृद्धि के लिए 3.46 रुपये प्रति क्विंटल दाम ज्यादा मिलेगा. 9.5 फीसदी या उससे कम रिकवरी के लिए एफआरपी 329.05 रुपये प्रति क्विंटल होगा.

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Published: 1 May, 2025 | 04:41 PM

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