संतरा एक ऐसा फल है जिसे भारत में बड़े स्तर पर उगाया जाता है और लोग इसे बहुत पसंद भी करते हैं. लेकिन संतरे की खेती करने वाले किसानों को अक्सर एक बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है,चूसक कीटों का हमला. ये कीट जैसे कि माहू (Aphids), सफेद मक्खियां (Whiteflies), थ्रिप्स और माइट्स, पत्तियों और शाखाओं से रस चूस लेते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं और फलों की गुणवत्ता भी गिर जाती है. यही नहीं, ये कीट कई तरह की बीमारियां भी फैला सकते हैं. अगर समय पर इनका नियंत्रण न किया जाए, तो पूरा बाग बर्बाद हो सकता है. आइए, आसान और असरदार तरीकों से समझते हैं कि संतरे की फसल को इन कीटों से कैसे बचाया जा सकता है.
फसल की नियमित निगरानी
सबसे पहली और अहम बात यह है कि आप अपने बाग की नियमित निगरानी करें. हर 3-4 दिन में पेड़ों का निरीक्षण करें. पत्तियों के ऊपर और नीचे देखें, कहीं कोई कीट, चिपचिपा पदार्थ या पत्तियों पर धब्बे तो नहीं हैं. अगर समय पर इनकी पहचान हो जाए, तो शुरुआती स्तर पर ही इन पर काबू पाया जा सकता है.
अच्छी खेती की आदतें अपनाएं
संतरे के बाग को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कुछ आसान लेकिन जरूरी बातों का पालन करें. संतरे के पौधों को बहुत ज्यादा या बहुत कम पानी देना नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए सिंचाई संतुलित रखें. पौधों की सूखी, टूटी या बीमार शाखाएं समय-समय पर काटते रहें. इससे पेड़ में हवा और धूप का अच्छा प्रवाह बना रहता है और कीटों को पनपने का मौका नहीं मिलता. बाग में उगने वाली बेकार घास और खरपतवार भी कीटों को आकर्षित कर सकते हैं, इसलिए उन्हें साफ रखना भी जरूरी है.
प्राकृतिक तरीकों से कीटों को नियंत्रित करें
प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे कीड़े भी दिए हैं जो इन हानिकारक कीटों को खा जाते हैं. जैसे लेडी बर्ड, लेसविंग्स और कुछ तरह के परजीवी कीड़े. ये कीट माहू और सफेद मक्खियों को खाते हैं और इस तरह संतरे के पौधों की रक्षा करते हैं. आप अपने बाग में गेंदा, डिल, धनिया जैसे पौधे लगाकर इन फायदेमंद कीड़ों को आकर्षित कर सकते हैं.
जरूरत पड़ने पर हाथ से हटाएं कीट
अगर कीटों की संख्या बहुत ज्यादा न हो तो उन्हें हाथ से या पानी की तेज धार से हटाया जा सकता है. पत्तियों के नीचे स्प्रे करके सफेद मक्खियों या माहू को हटाया जा सकता है. यह तरीका छोटे स्तर पर काफी प्रभावी होता है और रसायन के बिना ही काम हो जाता है.
रासायनिक दवाएं केवल अंतिम विकल्प
अगर प्राकृतिक और घरेलू उपाय काम न आएं और कीटों का प्रकोप बहुत बढ़ जाए, तो ही कीटनाशकों का इस्तेमाल करें. लेकिन कोई भी दवा छिड़कने से पहले किसी कृषि विशेषज्ञ या स्थानीय कृषि अधिकारी से सलाह जरूर लें. बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन हर दवा हर कीट के लिए सही नहीं होती. दवा छिड़कते समय दस्ताने और मास्क पहनें और निर्देशों का पालन जरूर करें.