हिमाचल में सेब की फसल पर रहस्यमयी बीमारी का हमला, सीएम ने दिए वैज्ञानिक जांच के निर्देश

विशेषज्ञों की टीम जब फील्ड विजिट कर लेगी, उसके बाद एक विस्तृत एडवाइजरी किसानों के लिए जारी की जाएगी, जिसमें बताया जाएगा कि इस बीमारी से कैसे निपटना है, कौन से दवाइयों या उपाय करने हैं, और क्या एहतियात बरतनी है.

नई दिल्ली | Published: 9 Jul, 2025 | 09:47 AM

हिमाचल प्रदेश में सेब की बागवानी कर रहे किसानों की चिंता इन दिनों और बढ़ गई है. सेब के पेड़ों पर एक रहस्यमय बीमारी ने हमला बोल दिया है, जिससे पत्तियां पीली पड़कर समय से पहले झड़ने लगी हैं. इसका असर फसल की उपज पर सीधा पड़ रहा है. जब हालात बिगड़ने लगे तो किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिला और उन्हें पूरी बात बताई.

किसानों की आवाज पर तुरंत हरकत में आए सीएम

किसानों की बात सुनते ही सीएम सुक्खू ने मामले को गंभीरता से लिया और डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति को निर्देश दिया कि तुरंत विशेषज्ञों की टीम प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जाए. उन्होंने साफ कहा कि इस बीमारी की वैज्ञानिक जांच होनी चाहिए और किसानों को जमीन पर जाकर जागरूक किया जाए ताकि वे इससे समय रहते बचाव कर सकें.

एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कुलपति से कहा कि सात दिन के भीतर इस बीमारी पर एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपें ताकि जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी तेजी से फैल रही है और इससे सेब उत्पादकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. ऐसे में देर करना अब विकल्प नहीं है.

9 और 10 जुलाई को विशेषज्ञ पहुंचेंगे सेब बागानों में

हिंदुस्तान की खबर के अनुसार डॉ. वाईएस परमार विश्वविद्यालय की टीमें 9 और 10 जुलाई को शिमला जिले के अलग-अलग सेब उत्पादक क्षेत्रों का दौरा करेंगी. इनमें पौध रोग विशेषज्ञ, कीट वैज्ञानिक, फल वैज्ञानिक और अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे. ये टीमें किसानों से बातचीत करेंगी, बागानों में रोग की स्थिति का आकलन करेंगी और शुरुआती सलाह देंगी.

इन बीमारियों का है संदेह

जानकारों के मुताबिक, Alternaria पत्ती धब्बा/झुलसा रोग और अन्य पत्तियों से जुड़ी बीमारियों की आशंका सबसे ज्यादा है. यह बीमारी ना सिर्फ पत्तियों को प्रभावित करती है, बल्कि लंबे समय में पूरी फसल पर असर डाल सकती है.

किसानों के लिए जल्द जारी होगी एडवाइजरी

विशेषज्ञों की टीम जब फील्ड विजिट कर लेगी, उसके बाद एक विस्तृत एडवाइजरी किसानों के लिए जारी की जाएगी, जिसमें बताया जाएगा कि इस बीमारी से कैसे निपटना है, कौन से दवाइयों या उपाय करने हैं, और क्या एहतियात बरतनी है.

5,000 करोड़ की सेब अर्थव्यवस्था पर खतरा

इस बीच, कांग्रेस विधायक और एआईसीसी प्रवक्ता कुलदीप राठौर ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि हिमाचल की 5,000 करोड़ की सेब इकॉनमी को बचाने का है. सभी दलों के सांसदों को एकजुट होकर किसानों की आवाज बनना चाहिए.

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