भारत को दुनिया का फूड बॉस्केट बनाना है, किसानों के साथ राज्यों की भागीदारी जरूरी

2170 वैज्ञानिक टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को सिखाएंगी वैज्ञानिक खेती के गुर.‘विकसित कृषि संकल्प यात्रा’ के जरिए खेती को लाभकारी और टिकाऊ बनाने की तैयारी.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 30 May, 2025 | 08:00 AM

खेती में बदलाव की नई कहानी लिखने निकल चुकी हैं वैज्ञानिकों की टीमें और इस बदलाव के सबसे बड़े साझीदार होंगे देश के किसान. दराअसल केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में देशभर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत हो चुकी है, जिसके तहत 2170 वैज्ञानिक टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद करेंगी. ये अभियान खेती के पारंपरिक तौर-तरीकों को वैज्ञानिक सलाह, आधुनिक तकनीक और स्थानीय जरूरतों के मुताबिक सुधारने की एक ऐतिहासिक पहल है. अब लैब की दीवारें टूटेंगी और खेत बनेंगे प्रयोगशाला. सरकार का लक्ष्य साफ क्लीयर है खेती में उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना और किसानों को वैज्ञानिक बदलाव का साझीदार बनाना.

वैज्ञानिक अब लैब नहीं, लैंड पर उतरेंगे

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुरी, ओडिशा में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ करते हुए ऐलान किया कि अब वैज्ञानिक लैब में नहीं बैठेंगे, बल्कि खेतों तक जाएंगे. इतना ही उन्होंने कहा कि किसान केवल बीज नहीं बोता, वह जीवन बोता है. इसी सोच के साथ 2170 वैज्ञानिक टीमों को गांव-गांव भेजा जा रहा है ताकि किसानों को आधुनिक खेती, प्राकृतिक खेती और फसल प्रबंधन की नवीनतम तकनीकें सिखाई जा सकें.

किसानों के बीच बैठकर सुलझेंगे खेती के असली सवाल

इस महाअभियान की सबसे बड़ी ताकत है सीधा संवाद. हर टीम प्रतिदिन दो गांवों का दौरा करेगी और अगले 15 दिनों तक किसान भाइयों से आमने-सामने चर्चा करेगी. खेती से जुड़े सवाल, कौन-सी फसल उपजाऊ जमीन में उपयुक्त है, मिट्टी में किस खाद की जरूरत है, कौन-सी किस्म मौसम के अनुसार बेहतर होगी, इन तमाम प्रश्नों के जवाब वैज्ञानिक अब गांव में जाकर देंगे.

भारत बनेगा दुनिया का फूड बॉस्केट

कृषि मंत्री ने बताया कि इस साल भारत ने रिकॉर्ड 3539.59 लाख मीट्रिक टन अनाज उत्पादन किया है, जो पिछले वर्ष से 216.61 लाख मीट्रिक टन अधिक है. लेकिन यहीं रुकना नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ भारतवासियों का पेट नहीं भरना है, बल्कि भारत को विश्व का फूड बॉस्केट बनाना है. इसके लिए आवश्यक है बेहतर बीज, सही जानकारी और वैज्ञानिक खेती.

राज्यों और किसानों की बड़ी भूमिका

यह अभियान केवल केंद्र सरकार की योजना नहीं, बल्कि राज्य सरकारें, कृषि विश्वविद्यालय, केवीके और 16 हजार से ज्यादा वैज्ञानिक मिलकर इसे सफल बना रहे हैं. 731 कृषि विज्ञान केंद्रों को इसमें जोड़ा गया है. किसानों से अपील की गई है कि वे वैज्ञानिकों के साथ खुलकर बातचीत करें, नई तकनीकों को अपनाएं और खेती को लाभ का धंधा बनाएं.

मोदी सरकार की कृषि नीति

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने हाल ही में 14 खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि की है. यह केवल मूल्य नहीं, बल्कि किसानों को सम्मान देने का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि किसान की लागत घटे, उत्पादन बढ़े और आमदनी दोगुनी हो. यह अभियान उसी दिशा में एक ठोस कदम है.

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Published: 30 May, 2025 | 08:00 AM

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