अब घर में भी उगा सकते हैं बेहतरीन लहसुन, बस अपनाएं ये आसान तरीका
लहसुन न केवल रसोई का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अनगिनत हैं. अच्छी बात यह है कि लहसुन को बहुत ज्यादा जगह, विशेष देखभाल या भारी मेहनत की जरूरत नहीं होती. थोड़ी-सी तैयारी और सही तरीके से देखभाल करने पर आप घर पर ही शानदार, ऑर्गेनिक लहसुन उगा सकते हैं.
आजकल बहुत से लोग अपने घर में ही ताजी और केमिकल-फ्री सब्जियां उगाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर आपके पास छोटा-सा किचन गार्डन, बालकनी या छत है, तो आप आसानी से लहसुन जैसी उपयोगी फसल भी उगा सकते हैं. लहसुन न केवल रसोई का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अनगिनत हैं. अच्छी बात यह है कि लहसुन को बहुत ज्यादा जगह, विशेष देखभाल या भारी मेहनत की जरूरत नहीं होती. थोड़ी-सी तैयारी और सही तरीके से देखभाल करने पर आप घर पर ही शानदार, ऑर्गेनिक लहसुन उगा सकते हैं.
लहसुन क्यों है किचन गार्डन के लिए खास
लहसुन उन फसलों में से है जो कम जगह में भी आसानी से उग जाती हैं. इसकी जड़ें ज्यादा गहराई तक नहीं जातीं, इसलिए गमले या छोटे बेड में भी ये अच्छी तरह बढ़ती है. हल्की धूप, उचित सिंचाई और भुरभुरी मिट्टी—बस इतना काफी है. शहरों में रहने वाले लोग जिनके पास सीमित जगह होती है, वे भी लहसुन उगाकर अपनी रसोई को ताजी और शुद्ध उपज दे सकते हैं.
स्वस्थ और बड़ी कलियों का चुनाव सबसे पहला कदम
लहसुन उगाना चाहते हैं तो सबसे पहले सही ‘बीज’ यानी कलियों का चयन जरूरी है. जितनी बड़ी और सुदृढ़ कली होगी, उतनी ही अच्छी गांठ तैयार होगी. अगर आपके घर का लहसुन मजबूत और सख्त कलियों वाला है, तो आप उसी का उपयोग कर सकते हैं. चाहें तो कृषि विभाग या बाजार में उपलब्ध पैक्ड बीज भी ले सकते हैं. ध्यान रखें कि सड़ी-गली, सिकुड़ी या बहुत छोटी कलियां लगाने से फसल कमजोर हो सकती है.
मिट्टी की तैयारी
लहसुन के लिए मिट्टी का हल्की और भुरभुरी होना बेहद जरूरी है. बहुत भारी या पानी रोकने वाली मिट्टी इसमें अच्छे परिणाम नहीं देती. गार्डन की मिट्टी में थोड़ा-सा गोबर की खाद या कंपोस्ट मिलाएं, इससे कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति होगी. यदि आप गमले में उगा रहे हैं तो 12–15 इंच का गमला पर्याप्त रहेगा. गमले के नीचे पानी निकासी का छेद जरूर होना चाहिए, ताकि पानी जमा न हो और जड़ें सड़ें नहीं.
बुवाई का सही तरीका बनाएगा फसल को मजबूत
लहसुन की कलियों को छिलके सहित लगाएं और ध्यान रखें कि कली का नुकीला हिस्सा ऊपर की ओर रहे. प्रत्येक कली को 1 से 1.5 इंच गहराई में दबाएं. पौधों के बीच 4–5 सेंटीमीटर की दूरी छोड़े, ताकि फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिले. यह दूरी गांठों के आकार को बेहतर बनाती है. बुवाई के बाद हल्का पानी दें जिससे मिट्टी बैठ जाए.
धूप और पानी
लहसुन के पौधों को प्रतिदिन लंबी धूप की जरूरत नहीं होती. दिन में 4–5 घंटे की हल्की या मध्यम धूप ही काफी है. पानी भी रोजाना देने की आवश्यकता नहीं, हर 2–3 दिन में हल्की सिंचाई करें. केवल यह ध्यान रखें कि मिट्टी नम रहे लेकिन गीली न हो.
नियमित देखभाल से बढ़ेगी पैदावार
लहसुन के पौधों के आसपास घास या खरपतवार जमने न दें, वरना पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. हर 15–20 दिन में हल्की गुड़ाई करें ताकि मिट्टी हवा ले सके. 30–40 दिन बाद एक बार कंपोस्ट डालने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं. कीटों से बचाने के लिए 10–15 दिन में एक बार नीम का घोल छिड़कना काफी प्रभावी रहता है, खासकर किचन गार्डन में.
फसल कब तैयार होती है?
लहसुन को पूरी तरह विकसित होने में लगभग 4–5 महीने लगते हैं. जब पौधों के पत्ते पीले पड़ने लगें और झुकने लगें, तो समझ लें कि आपकी फसल खुदाई के लिए तैयार है. मिट्टी को हल्के से ढीला करके गांठें निकाल लें और छाया में 3–4 दिनों तक सुखा लें. इससे लहसुन का स्वाद और भी बढ़िया हो जाता है.
घर पर उगाया गया ऑर्गेनिक लहसुन न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी है. यदि आप थोड़ी-सी जगह और समय निकाल सकें, तो यह फसल आपके किचन गार्डन को पूरी तरह बदल सकती है.