कहीं गलत तरीके से तो नहीं बना रहे गोबर की खाद? जानें पूरी आसान विधि

रासायनिक उर्वरक महंगे होने के साथ-साथ मिट्टी और पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. ऐसे में गोबर की खाद एक प्राकृतिक और किफायती विकल्प के रूप में सामने आती है. यह न केवल मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है बल्कि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व भी उपलब्ध कराती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 6 Nov, 2025 | 03:41 PM

Cow dung manure: खेती में मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना किसान के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है. रासायनिक उर्वरक महंगे होने के साथ-साथ मिट्टी और पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. ऐसे में गोबर की खाद एक प्राकृतिक और किफायती विकल्प के रूप में सामने आती है. यह न केवल मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है बल्कि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व भी उपलब्ध कराती है. गोबर की खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जो फसल की वृद्धि में मदद करते हैं.

गोबर की खाद का इस्तेमाल छोटे और बड़े खेतों के साथ-साथ बाग-बगिचों में भी किया जा सकता है. यह जैविक खेती को बढ़ावा देने वाला एक प्राकृतिक उर्वरक है, जिससे फसलें स्वस्थ और मजबूत होती हैं.

गोबर की खाद बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

गोबर की खाद बनाने के लिए आपको कुछ साधारण सामग्री की जरूरत होती है, जो अधिकतर घर या खेत में आसानी से मिल जाती है:

गोबर: गाय, बैल, भैंस या बकरी का ताजा गोबर.

सूखी पत्तियां और घास: गोबर को हवा मिलने और जल्दी सड़ने में मदद करती हैं.

मिट्टी: मिश्रण को पोषित करने और सड़ने की प्रक्रिया तेज करने के लिए.

पानी: मिश्रण को हल्का गीला रखने के लिए.

राख या चूर्ण (वैकल्पिक): खाद को सूखा और पोषक बनाए रखने के लिए.

गोबर की खाद बनाने की सरल विधि

स्थान का चयन

सबसे पहले एक खुला और हवादार स्थान चुनें. यह जगह खेत या बगीचे में हो सकती है. गोबर को पर्याप्त समय सड़ने और खाद बनने के लिए खुली हवा और धूप का लाभ चाहिए.

सामग्री का मिश्रण

ताजे गोबर में पानी अधिक होता है. इसे सूखी पत्तियों, घास और थोड़ी मिट्टी के साथ मिलाएं. मिश्रण हल्का गीला होना चाहिए, ताकि गोबर समान रूप से सड़े.

गोबर का ढेर बनाना

मिश्रण को एक बड़े ढेर में इकट्ठा करें. इसे 2-3 महीनों तक ऐसे ही रहने दें. हर कुछ दिनों में ढेर को पलटें ताकि हवा सभी हिस्सों तक पहुंचे और सड़ने की प्रक्रिया समान रूप से हो.

निगरानी और देखभाल

अगर मिश्रण बहुत सूखा लगे तो थोड़ा पानी छिड़कें. आप इसमें राख या चूर्ण मिला कर खाद की गुणवत्ता और पोषक तत्व बढ़ा सकते हैं.

तैयार खाद

लगभग 2-3 महीनों में गोबर पूरी तरह सड़कर गहरे भूरे रंग की, गंध रहित और पोषक तत्वों से भरपूर खाद बन जाती है. इसे मिट्टी में मिलाकर फसलों और पौधों की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है.

गोबर की खाद के फायदे

गोबर की खाद मिट्टी की बनावट सुधारती है, पानी को रोकने की क्षमता बढ़ाती है और पौधों को प्राकृतिक पोषक तत्व उपलब्ध कराती है. रासायनिक उर्वरकों की तुलना में यह पूरी तरह जैविक है और लंबे समय तक फसल की गुणवत्ता बनाए रखती है.

गोबर की खाद का इस्तेमाल छोटे बाग-बगिचों से लेकर बड़े खेतों तक किया जा सकता है. यह किसान के लिए सस्ता, प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है, जिससे फसल की पैदावार और लाभ दोनों बढ़ते हैं.

इस सरल और प्राकृतिक तरीके से गोबर की खाद बनाना न केवल आपकी मिट्टी और फसलों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

Side Banner

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?