इस राज्य में किसान रासायनिक की जगह करेंगे जैविक खाद का इस्तेमाल, सुधरेगी मिट्टी की सेहत

आंध्र प्रदेश सरकार ने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में 11 फीसदी की कमी का लक्ष्य रखते हुए जैविक और नैनो फर्टिलाइजर को बढ़ावा देना शुरू किया है. इसका उद्देश्य मिट्टी की गुणवत्ता सुधारना, फसल रोगों की रोकथाम और किसानों की लागत घटाना है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 19 Jul, 2025 | 03:52 PM

Bio Fertilizer: आंध्र प्रदेश कृषि विभाग ने सस्टेनेबल फार्मिंग यानी टिकाऊ खेती की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. अब राज्य में रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक और बायो-फर्टिलाइजर को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में 11 फीसदी कमी लाने का टारगेट सेट किया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा. साथ ही मिट्टी के हेल्थ में सुधार आएगा.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि निदेशक का कहना है कि खासतौर पर धान और मक्का की फसलों में नाइट्रोजन आधारित उर्वरक के रूप में यूरिया का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. इससे फसलों की गुणवत्ता कमजोर हो रही है और वे कीटों और बीमारियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो गई हैं. उन्होंने कहा है कि हम किसानों को जमीन की सेहत और संतुलित पोषण की तरफ ले जाना चाहते हैं. बायो-फर्टिलाइजर जैसे नाइट्रोबैक्टेरिया, फॉस्फोबैक्टेरिया, नीम खली और नैनो यूरिया व नैनो डीएपी जैसी जैविक तकनीकों को बढ़ावा देकर हम उत्पादन और स्थायित्व दोनों को बेहतर बना रहे हैं.

प्राकृतिक उर्वरक के ये हैं फायदे

कृषि निदेशक ने यह भी कहा कि प्राकृतिक उर्वरक मिट्टी में फायदेमंद सूक्ष्मजीवों को सक्रिय करते हैं, जिससे पौधों को प्राकृतिक रूप से एंजाइम और हार्मोन मिलते हैं. इससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और रासायनिक दवाओं पर निर्भरता कम होती है. इसके साथ ही मिट्टी की जलधारण क्षमता और पोषक तत्वों की उपलब्धता भी बेहतर होती है. यही वजह है कि कृषि विभाग ने रासायनिक उर्वरकों की जगह प्राकृतिक और जैविक विकल्पों को अपनाने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है.

उर्वरक की नहीं है कोई कमी

कृषि मंत्री के अच्चनायडु ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि राज्य में इस समय 8.41 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है, जिसमें 2.89 लाख मीट्रिक टन यूरिया शामिल है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ये उर्वरक सहकारी समितियों और रायतु सेवा केंद्रों (RSKs) के ज़रिए सुचारु रूप से किसानों तक पहुंचाए जाएं. मंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि बायो-फर्टिलाइजर को रासायनिक उर्वरकों के साथ जबरदस्ती बेचने जैसी गलत प्रथाएं प्रतिबंधित हैं और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. विभाग किसानों से अपील कर रहा है कि वे स्वेच्छा से पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाएं, जो फसल उत्पादन और जमीन की सेहत- दोनों के लिए फायदेमंद हैं.

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Published: 19 Jul, 2025 | 03:38 PM

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