आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव आम समस्या बन गई है. हरसिंगार का तेल दिमाग को शांत करता है और मस्तिष्क की थकान को कम करता है. इसकी कुछ बूंदों से सिर की मालिश करने से नींद बेहतर आती है और तनाव में कमी महसूस होती है.
हरसिंगार के पत्तों को पीसकर उसका लेप गठिया यानी अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को राहत देता है. यह सूजन और दर्द को कम करता है. लंबे समय तक उपयोग से पुराने जोड़ों के दर्द में भी सुधार देखा गया है.
अगर आप सूखी खांसी, जुकाम या गले की खराश से परेशान हैं तो हरसिंगार की पत्तियों और फूलों से बनी चाय बेहद फायदेमंद हो सकती है. इसमें मौजूद इथेनॉल अर्क इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता रखता है और श्वसन तंत्र को दुरुस्त करता है.
साइटिका एक ऐसा दर्द है जो कमर से शुरू होकर पैरों तक जाता है. यह अक्सर महिलाओं में अधिक देखा जाता है. हरसिंगार के तेल में कपूर मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से नसों को आराम मिलता है और दर्द धीरे-धीरे कम होता है.
इस पौधे की छाल और पत्तों का अर्क बुखार में कारगर होता है. यह मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखारों में तापमान को नियंत्रित करता है और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद करता है.
हरसिंगार का हर हिस्सा चाहे वो फूल हो, पत्ती, जड़ या छाल किसी न किसी रोग के इलाज में कारगर है. इसे एक संपूर्ण प्राकृतिक औषधि माना जाता है, जो शरीर को बिना साइड इफेक्ट्स के रोगमुक्त बनाने में मदद करता है. (इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.)